जैसलमेर। रामदेवरा.शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में बुखार और मलेरिया ने पैर पसार लिए हैं। सरकारी अस्पताल से लेकर निजी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ लगातार बढ़ रही है। रोजाना 150 से दो सौ मरीज बुखार के अस्पताल पहुंच रहे हैं। वही रामदेवरा ग्राम पंचायत के मावा गांव में तीन मरीज मलेरिया पीएफ के आने की जानकारी मिली है। जो अपना इलाज निजी स्तर पोकरण,जोधपुर में करवा रहे है। ऐसे में चिकित्सा विभाग अब भी गंभीर नहीं हुआ तो क्षेत्र में मलेरिया तांडव मचा सकता हैं। संक्रामक बीमारियों के फैलने का सबसे बड़ा कारण गंदगी है, कस्बे में विभिन्न वार्डो में साफ-सफाई की हालत चिंताजनक है। जिससे जगह-जगह जलभराव हो रहा है। नाले गंदगी से पटे हुए हैं। कचरा और पालीथिन की गंदगी से नालियां बजबजा रही हैं ,और उनमें मच्छर पनप रहे हैं। बदलते मौसम में बढ़ते मच्छरों के प्रकोप के कारण बीमारियां बढ़ रही हैं और कस्बे और ढाणियों के लोग परेशान हैं।
कस्बे में विभिन्न जगहों पर जमा गंदे पानी और गड्ढों में भरा गंदा पानी मच्छरों को भारी मात्रा में फैला रहा है। दिन प्रतिदिन मच्छरों की तादात बढ़ने से अब हर घर मलेरिया से पीड़ित हो रहा है। कस्बे में बढ़ रहे मच्छरों के प्रकोप को कम करने के लिए फागिग और दवा का छिड़काव किया जाना बेहद जरूरी है। ग्राम पंचायत ने अभी तक फोगिग का छिड़काव नहीं कराया है। रामदेवरा में बाबा की समाधि के दर्शन करने के लिए आ रहे यात्री भी मच्छरों की भारी संख्या में भरमार रहने से उनकी चपेट में आकर मलेरिया से ग्रसित हो रहे हैं।
जिसके चलते यात्रियों को इन दिनों रामदेवरा के निजी और बाहर पोकरण ,फलोदी जाकर अपना उपचार करवाना पड़ रहा है। रामदेवरा में मच्छरों पर रोकथाम को लेकर अभी तक किसी प्रकार का जिम्मेदारों की ओर से प्रभावी अभियान नहीं चलाया गया है ऐसे में आने वाले दिनों में मच्छरों पर काबू नहीं पाया गया तो रामदेवरा रहने वाले लोगो के साथ मेले में आने वाले लाखों यात्री मलेरिया की चपेट में आकर पीड़ित हो सकते हैं। मलेरिया को लेकर चिकित्सा विभाग गंभीर है। अभियान चलाया जा रहा है। मलेरिया की रोकथाम के प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।