डंपिंग यार्ड में दो शावकों के साथ दिखी मादा तेंदुआ, एक घंटे अठखेलियां की
राजसमंद। मार्बल खनन क्षेत्र बोरज-निझरना के डंपिंग यार्ड में रविवार सुबह मादा तेंदुआ दो शावकों के साथ देखी गई। शावक संगमरमर के आवारा जानवरों के बीच एक घंटे तक खेलते रहे। मादा तेंदुआ शावकों को वापस मांद में ले गई। वन्यजीव विशेषज्ञ फतेहसिंह राठौड़ ने बताया कि मादा तेंदुआ जन्म के बाद तीन माह तक शावकों को मांद से बाहर नहीं निकालती है। एक साल तक दूध पिलाने के बाद नर शावक को छोड़ देता है और 2 साल बाद मादा भी शावक को छोड़ देती है। मादा तेंदुआ 6 महीने के शावकों को मांद से बाहर पढ़ाती है। ये दोनों शावक करीब 5-6 महीने के होने के बाद अपनी मां के साथ बाहर आए थे. बारिश में झाड़ियों में शिकार आसानी से मिल जाता है। -फोटो-अरविंद पालीवाल