प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ केंद्र सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा फसल बीमा दावे में आपदा अनुदान को समायोजित करने के लिए किए गए प्रावधान से किसानों में रोष है। नए प्रावधानों के अनुसार अब फसल बीमा वाले किसान आपदा अनुदान की राशि से कम फसल बीमा दावा राशि होने पर ही आपदा अनुदान प्राप्त कर सकेंगे। उसमें भी जो राशि कम होगी, उसकी भरपाई की जाएगी। अभी तक फसल बीमा और आपदा अनुदान दोनों ही मिलता रहा है। किसानों ने नए प्रावधान को रद्द करने की मांग की है। किसानों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। भारतीय किसान संघ बांसवाड़ा के संभागीय मंत्री गोपाल कुमावत खटवाड़ ने बताया कि सांकेतिक प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी को भी ज्ञापन भेजा गया है। गौरतलब है कि आपदा अनुदान तब दिया जाता है जब तहसील क्षेत्र में 33 प्रतिशत से अधिक फसल खराब होने की रिपोर्ट आपदा के कारण फसल क्षति के सर्वेक्षण में आती है। संशोधित अधिसूचना में आपदा अनुदान की राशि को फसल बीमा दावा राशि में समायोजित कर बीमा दावा की राशि आपदा अनुदान राशि से कम होने की स्थिति में शेष राशि के भुगतान का प्रावधान किया गया है. इससे फसल बीमा क्लेम पाने वाले किसानों को आपदा अनुदान नहीं मिल पाएगा। ज्ञापन देने के दौरान अवलेश्वर प्रमंडल पर्यावरण प्रमुख रामेश्वर कुमावत बरखेड़ा, प्रतापगढ़ तहसील अध्यक्ष सिंहस पाटीदार, दलोट तहसील मंत्री संजय पाटीदार, जिला मंत्री गिरजा शंकर लोहार, बोरदिया भंवरलाल इंदौरा सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।