किसान अघोषित बिजली कटौती और लो वोल्टेज की समस्या से जूझ रहे
बची फसलें भी प्रदेश में आए बिजली संकट के चलते नष्ट होने की कगार पर
श्रीगंगानगर: कहते हैं कि जब राम रूठ जाता है तो राज भी अक्सर रूठ ही जाता है। कुछ ऐसा ही चरितार्थ हो रहा है इस बार अन्नदाता पर।
एक तरफ लम्बे अरसे बाद घग्घर नदी में आए बाढ़ के पानी के चलते बहाव क्षेत्र के किसानों की फसल डूबने से चौपट हो गई तो वहीं अब बाकी इलाके में बची फसलें भी प्रदेश में आए बिजली संकट के चलते नष्ट होने की कगार पर है।
सूरतगढ इलाके के टिब्बा बेल्ट में ट्यूबवेल आधारित फसलें अब लो-वोल्टेज व बार बार होने वाली अघोषित कटौती के चलते पूरी तरह झुलस चुकी है। वहीं, बेबस किसान दिन रात अब बारिश की आस लगाए बैठा है। मानसून सत्र में गत दिनों हुई बारिश के बाद एक बार हालात सामान्य होने के पश्चात अब बारिश नही होने से टिब्बा बेल्ट में किसानों की हालात दयनीय है।
रोजाना किसान खेतों में जाकर जब अपने ट्यूबवेल को शुरू करते है तो लो-वोल्टेज के चलते मोटरें भी शुरू नहीं हो पाती। वहीं अगर मोटर शुरू हो भी जाए तो बार-बार लगने वाले बिजली कट के चलते खेत के एक बीघा भी पानी नहीं लग पाता।