बाड़मेर। पशु आहार की आड़ में नकली जीरा बनाने वाली फैक्ट्री को पुलिस पकड़ कर फ्रूड इंस्पेक्टर की मौजूदगी में सीज कर एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी नकली जीरे को असली जीरे में मिक्स करके गुजरात बेचता था। फैक्ट्री बाड़मेर जिले के सिणधरी मनणावास गांव में बीते 2 माह से चल रही थी। पूरी कार्रवाई में पुलिस को 48 घंटे का समय लगा। पुलिस ने नकली 19 हजार 1 सौ 50 किलोग्राम जीरा जब्त किया है। नकली जीरा बनाने में उपयोग लिए जाने वाले कच्चे माल को भी जब्त किया है। पुलिस के अनुसार मुखबिर से 25 सितंबर को सूचना मिली थी कि सिणधरी उपखंड के मनणावास गांव में पशु आहार की आड़ में नकली जारी बनाया जा रहा है। इस पर सिणधरी थानाधिकारी मय पुलिस जाब्ते फैक्ट्री पर दबिश दी गई। फैर्क्टी में भारी मात्रा में नकली जीरा व नकली जीरा बनाने की सामग्री मिली।
इस पर कृषि विभाग के अधिकारियों को बुलाया गया लेकिन इन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर बताया। इस पर फिर फ्रूड सेफ्टी इंस्पेक्टर रेवंतसिह का मौके पर बुलाकर फैक्ट्री को सीज किया गया। सामग्री को जब्त किया गया। सिणधरी थानाधिकारी सुरेंद्र कुमार के मुताबिक फैक्ट्री संचालक धमेंद्र कुमार (41) पुत्र बाबुलाल निवासी बाहरमांढ, गणेशपुरा उझां गुजरात को गिरफ्तार किया गया। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि नकली जीरा बनाना दिल्ली से सीखा था। यहां पर पशु आहार की आड़ में करीब 2 माह से फैक्ट्री चला रहा था। फैक्ट्री को सीज करके 19150 किलोग्राम नकली जीरा, 1480 किलोग्राम फूल घास (जीरा बनाने में उपयोग), 4800 किलोग्राम तरल गुड़, 1060 किलोग्राम पत्थर पाउडर (सोप स्टोन) 40 किलोग्राम पाउडर (कार्बन पाउडर) जब्त किया।
यू बनाते थे नकली जीरा
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बबताया कि फूल घास में तरल गुड़ मिलाकर हाथों से अच्छी तरह मिलाते फिर उसमें पत्थर पाउडर (सोप स्टोन) मिलाकर सुखाया जाता है बाद में छतनी से छानकर एक साइज का तैयार जीरा जिसमें रंग के लिए कार्बन पाउडर मिलाकर पैक किया जाता है जो बाद असली जीरे में मिलावट करने हेतु गुजरात, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में भेजा जाता था।
48 घंटे तक चली कार्रवाई
पुलिस की टीम ने रविवार को फैक्ट्री में दबिश दी थी। इसके बाद लगातार नकली जीरा सहित अन्य कच्चे माल को माप-तौल किया गया। वहीं कृषि विभाग व फ्रूड इंस्पेक्टर से संपर्क किया। फ्रूड इंस्पेक्टर की मौजूदगी में फैक्ट्री को सीज किया गया।