ज़मानत पर छूट पॉक्सो के अमूर्त को मिली ख़तरनाक
दुश्मन तो हमें देख कर गाड़ी पलटा कर भागते हैं।
अजमेर: हथकड़ी हमारे आभूषण और बाज़ार में हम सरकार के जमाई हैं। हमें कोई अपना ही फंसा सकता है जनाब, क्योंकिदुश्मन तो हमें देख कर गाड़ी पलटा कर भागते हैं।
वकील संस्था से ज्यादातर हम जजों में विश्वास रखते हैं।
पिंजरा शेर के लिए चित्र नहीं के लिए होता है। शेर मशीनरी में क्या चला गया, कुत्ता भोंकने लगे।
ये किसी फिल्म का बोलबाला नहीं है, बल्कि पॉक्सो के एक मामले में कोर्ट की ओर से दोषी करार दिए जाने के बाद मामले में दर्ज की गई धोखाधड़ी वाले परिवार को भेजे गए स्टेटस हैं। इन स्टेटस से लेकर परिवार पुलिस स्टेशन की चौखट तक की शिकायत दर्ज की गई, लेकिन उनका मामला दर्ज नहीं किया गया। ऐसे में फैमिली कोर्ट ने जस्टिस की पैटी के खिलाफ की चौखट पर मुकदमा दायर किया और वहां से माओवादी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए गए हैं। मामला गांधीनगर तरतांगत रलावता गांव का है।
पीड़ित की नाबालिग बहन के साथ जबरदस्ती करने का एक मामला अजमेर की पॉक्सो कोर्ट में विचाराधीन है। यहां के मूल निवासी लोकेश रैगर को जमानत मिल गई है। रिहा होने पर ही उसने पीड़ित वाले पीड़ित और उसके परिवार को धमकाना शुरू करने की रिपोर्ट दी। उसने पीड़ित को अपना स्टेटस टैग किया, जिसमें फिल्मी डायलॉग सी लैंग्वेज का इस्तेमाल किया गया।