कुत्तिया भी मरती है तो शोक संदेश आ जाता है किसान आंदोलन में शहीद हुए 600 किसानों के लिए कोई शोक प्रस्ताव पारित नहीं हुआ : सत्यपाल मलिक
अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर किसान आंदोलन को लेकर बयान दिया, जो चर्चा का विषय बन गया. सत्यपाल मलिक ने कहा कि किसान आंदोलन में 600 लोग अब तक मारे गए हैं
जनता से रिश्ता। अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर किसान आंदोलन को लेकर बयान दिया, जो चर्चा का विषय बन गया. सत्यपाल मलिक ने कहा कि किसान आंदोलन में 600 लोग अब तक मारे गए हैं लेकिन दिल्ली से एक भी चिट्ठी नहीं आई. जब कुत्तिया भी मरती है तो शोक संदेश आ जाता है.
सत्यपाल मलिक ने कहा कि मैंने पीएम मोदी को भी कहा था कि आप गलतफहमी में हो, ना तो सिक्खों को हराया जा सकता है और ना ही जाटों को. बिरला सभागार में तेजा फाउंडेशन की ओर से आयोजित ग्लोबल जाट समिट 2021 (Global Jat Summit 2021) में शिरकत करने आए मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने यह सभी बातें कहीं.
मुझे पद से हटाएंगे तो एक मिनट में हट जाऊंगा
उन्होंने कहा कि जब मैं किसानों के मुद्दों पर बोलता हूं तो कंट्रोवर्सी हो जाती है. मेरे शुभचिंतक इसी तलाश में रहते हैं कि मैं कुछ बोलूं और मुझे हटा दें. मुझे दो-तीन लोगों ने गवर्नर बनाया है और यह मुझे पता है कि जब मैं किसान आंदोलन के बारे में बोल रहा हूं तो मैं उनकी इच्छा के विरूद्ध बोल रहा हूं. जब भी मुझे वे लोग कहेंगे मैं तुरंत हट जाऊंगा, एक भी मिनट नहीं लगाऊंगा. पहले दिन से ही यही सोच कर मैं किसानों के समर्थन में बोल रहा हूं.
सत्यपाल मलिक ने कहा कि देश का कोई भी आंदोलन इतना लंबा नहीं चला. इस आंदोलन में 600 लोग शहीद हो चुके हैं और जब कुतिया भी मरती है तो दिल्ली से शोक संदेश आ जाता है लेकिन 600 किसानों का शोक प्रस्ताव आज तक पास नहीं हुआ.
मैंने पीएम से कहा था किसानों के साथ दो काम मत करना
सत्यपाल मलिक ने कहा कि महाराष्ट्र में आगजनी में 5 से 7 लोग मारे गए तुरंत दिल्ली से प्रस्ताव आ गया. लेकिन जब हमारे 600 लोग मारे गए तो किसी नेता ने कुछ नहीं बोला. हमारी वर्ग के जो लोग संसद में बैठे हैं, वे भी खड़े नहीं हुए. जब मैं प्रधानमंत्री से मिला तो मैंने उनको कहा कि आप गलतफहमी में हैं, न तो सिक्खों को हराया जा सकता है और ना ही जाटों को. मलिक ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री को कहा था कि किसानों के साथ दो काम मत करना, एक तो इन पर बल प्रयोग मत करना. दूसरा इन्हें खाली हाथ मत भेजना. यह 300 साल तक नहीं भूलने वाली कौम है.
मलिक ने इंदिरा गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय अकाल तख्त को तोड़ा गया था. इंदिरा गांधी ने भी कहा था कि यह लोग मुझे मार देंगे और इंदिरा गांधी को मार दिया गया. जनरल वैद्य को पुणे में जाकर मारा गया और जनरल डायर को लंदन में जाकर मारा था. सत्यपाल मलिक ने कहा कि किसी चर्चा में सामने आया कि किसान आंदोलन का असर सेना पर भी हो रहा है. उन्होंने मोदी को लेकर कहा कि आज आप ताकतवर हो और घमंड में यह सब कर रहे हो लेकिन भविष्य में इसके क्या क्या परिणाम होंगे. इसका किसी को पता नहीं है. कारगिल युद्ध को लेकर भी सत्यपाल मलिक ने कहा कि जब कारगिल होता है तो किसानों के बच्चों को पहाड़ी पर चढ़ा दिया जाता है. उन्होंने कारगिल युद्ध सरकार की असफलता का ही परिणाम बताया. सरकार की असफलता का दाम किसानों के बच्चों ने चुकाया.
किसानों की ओर से लाल किले पर झंडा फहराने को लेकर भी सत्यपाल मलिक ने कहा कि लाल किले पर झंडा फहराने का कोई ताल्लुक किसानों से नहीं है. उन्होंने कहा कि लाल किले पर झंडा फहराने का अधिकार प्रधानमंत्री का है और उसके बाद किसानों को है.