भीलवाड़ा में मंदिर के शिखर पर 365 किलो के पांच कलश व ध्वजा दंड की स्थापना
भीलवाड़ा । धर्मनगरी भीलवाड़ा में बुधवार को श्रद्धा व आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। संत-महात्माओं के साथ शहर और जिलेवासी ही नहीं राज्य व देश के विभिन्न क्षेत्रों से निम्बार्क परम्परा के प्रति आस्थावान हजारों श्रद्धालु सांगानेरी गेट स्थित श्री दूधाधारी गोपाल मंदिर में ठाकुर श्री दूधाधारी गोपालजी महाराज के नूतन महल (मंदिर) प्रवेश के सुनहरे पावन अवसर का साक्षी बनने के लिए पहुंचे थे। नूतन महल प्रवेश सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में निम्बार्काचार्य पीठाधीश्वर श्यामशरण देवाचार्यश्री ‘श्रीजी’ महाराज के सानिध्य में सुबह वैदिक विधि विधान एवं मंत्रोच्चार के साथ गूंजायमान होते गगनभेदी जयकारों के बीच ठाकुरश्री दूधाधारी गोपालजी महाराज भगवान ने नूतन महल में प्रवेश किया। सुबह 11.30 बजे मंदिर के करीब 61 फीट उंचे शिखर पर 365 किलो के पांच कलश व ध्वजा दंड की विधि विधान के साथ स्थापना की गई। दोपहर 12.05 बजे श्री गोपाल यज्ञ पूर्णाहुति हुई। श्रीजी महाराज ने कहा कि भीलवाड़ा के इतिहास में ठाकुरजी का नूतन महल प्रवेश एतिहासिक पल बन गया है। कार्यक्रम में विभिन्न स्थानों से पधारे महामण्डलेश्वर, महंत इनमें हरिशेवधाम भीलवाड़ा के महामण्डलेश्वर हंसरामजी महाराज, संकटमोचन हनुमान मंदिर के महन्त बाबूगिरीजी महाराज, महन्त युगलकिशोरशरणजी महाराज, महन्त मनोहरदासजी महाराज पलसाना, हाथीभाटा मंदिर के महन्त संतदासजी महाराज, हनुमान टेकरी भीलवाड़ा के महन्त बनवारीशरण काठियाबाबा, निम्बार्क आश्रम भीलवाड़ा के महन्त मोहनशरण शास्त्री सहित कई संतों का सानिध्य प्राप्त हुआ। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मंत्री जुगलकिशोर, सांसद सुभाष बहेड़िया सहित विभिन्न समाजों व संस्थाओं से जुडे हजारों भक्तगण मौजूद थे। छप्पन भोग दिवंगत गोपाल काबरा की इच्छानुसार उनकी धर्मपत्नी मंजूदेवी काबरा व परिजन रमेश काबरा व अमित काबरा द्वारा लगाया गया।