अतिक्रमण से मुक्त मकानों पर नशेडियों का कब्जा

Update: 2022-12-20 14:38 GMT

कोटा न्यूज़:नगर निगम की छावनी स्थित कॉलोनी के पुराने मकानों को निगम ने अतिक्रमण से तो मुक्त करवा लिया। लेकिन उसके बाद से उन मकानों की सुध नहीं ली जिससे अब उन मकानों पर नशेड़ियों का कब्जा हो गया है। कॉलोनी कचरा घर बनकर रह गई है और सूअरों का जमावड़ा रहने लगा है। जिससे उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गई है। नगर निगम कोटा दक्षिण क्षेत्र स्थित छावनी में निगम की कॉलोनी में दो तरह के मकान बने हुए हैं। एक तरह के मकानों में तो कर्मचारी रह रहे हैं। जबकि उनके पास ही दूसरे मकान हैं जिनमें पहले तो निगम के कर्मचारी रहते थे। लेकिन उनके सेवानिवृत्त होने व स्थानांतरण होने के बाद वहां कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर लिया था। काफी समय तक अतिक्रमण रहने के बाद निगम की तत्कालीन आयुक्त कीर्ति राठौड़ ने प्रयास कर उन मकानों को अतिक्रमण से मुक्त कराया था। सभी मकानों को खाली करवाकर उनमें ताले लगवा दिए थे। लेकिन उसके बाद भी कुछ लोगों ने ताले तोड़कर अतिक्रमण कर लिया था।

कचरा घर व सूअरों का जमावड़ा: नगर निगम के अधिकारियों की अनदेखी के चलते इस कॉलोनी के मकानों पर तो नशेड़ियों का कब्जा हो ही रहा है। साथ ही इस कॉलोनी को लोगों ने कचरा घर बना दिया है। कुछ लोग व सफाई कर्मचारी यहां कचरा डालने लगे हैं। जिससे कचरे का ढेर लगा हुआ है। साथ ही उस कचरे पर सूअरों का जमावड़ा लगा रहता है।

हर तरफ नशे का सामान, बिस्तर भी मिले:  नगर निगम के जर्जर मकानों में हर तरफ नशे का सामान बिखरा पड़ा है। स्मैक की पुड़िया, नशे के इंजेक् शन,माचिस और नशीले पदार्थों की खाली पन्नियों का ढेर लगा हुआ है। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है यहां कितने बड़े स्तर पर नशा करने वाले लोग यहां रह रहे हैं। हालत यह है कि नशा करने वाले कई लोग तो वहां रात को रहने भी लगे हैं। इसके लिए उन्होंने गद्दा तकिया व बिस्तर तक लाकर रखे हुए हैं। लोगों का कहना है कि यहां नशे के अलावा अन्य अनाधिकृत काम भी हो रहे हैं।

खिड़की दरवाजे तक हटवाए: निगम के मकानों पर बार-बार हो रहे अतिक्रमण से बचाने के लिए निगम अधिकारियों ने उन करीब एक दर्जन से अधिक मकानों के खिड़की दरवाजे ही हटवा दिए। जिससे उन मकानों में कोई अतिक्रमण कर नहीं रह सके। ऐसा होने से परिवार के लोग तो अतिक्रमण नहीं कर पाए। लेकिन नशेड़ियों की मौज हो गई। उन्हें नशा करने का एक नया व सुरक्षित ठिकाना मिल गया। हालत यह है कि अंधेरे में ही नहीं दिन के उजाले में भी यहां दिनभर नशेड़ियों का जमावड़ा लगा रहता है। दिन में आधा दर्जन नशेडी हर समय यहां नशा करते हुए देखे जा सकते हैं।

जगह का नहीं हुआ उपयोग: नगर निगम के अधिकारियों द्वारा पूर्व में इन मकानों को खाली कर इस जगह का उपयोग करने की बात कही जा रही थी। निगम का सेक्टर कार्यालय से लेकर सामुदायिक भवन बनाने तक की चर्चा चली। लेकिन कई साल बीतने के बाद भी अभी तक उस जगह का न तो कोई उपयोग हो सका है और न ही निगम के अधिकारी अपनी करोड़ों की सम्पत्ति की सार संभाल कर पा रहे हैं। जिससे कभी अतिक्रमण करने वालों की तो कभी नशेड़ियों की मौज हो रही है।

लोगों की पीड़ा: कॉलोनी के पास रहने वाले राधेश्याम महावर ने बताया कि निगम अधिकािरयों की अनदेखी से यहां नशेड़ियों का जवामड़ा लगा रहता है। जिससे रात के समय चोरी होने का डर बना रहता है। नशेड़ी दिन के समय भी सामान चोरी कर ले जाते हैं। रात के समय उस जगह के पास से महिलाओं को निकलने में डर लगने लगा है। स्थानीय निवासी रेशमा बानो का कहना है कि कॉलोनी में कचरे का ढेर लगा होने से दिनभर दुर्गंध फेली रहती है। सूअरों के जमावड़े से गंदगी फेल रही है। निगम में कई बार शिकायत करने के बाद भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

निगम कॉलोनी के पुराने मकान जर्जर हो गए थे। इस कारण से उनहें अतिक्रमण से मुक्त करवाया गया था। दोबारा अतिक्रमण न हो इसके लिए उनके खिड़की दरवाजे तक हटवा दिए थे। लेकिन अब यहां नशेड़ियों का कब्जा हो गया है तो शीघ्र ही उन जर्जर मकानों को डिस्मेंटल करवाया जाएगा। उसके बाद यहां बहुमंजिला भवन बनाया जाएगा। जिसमें कर्मचारियों के आवास या निगम कार्यालय के उपयोग में लिया जा सकेगा।

- राजपाल सिंह, आयुक्त, नगर निगम कोटा दक्षिण 

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