राविवि से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों का धरना जारी, आंदोलन को उग्र करने की चेतावनी
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जयपुर: पिछले 16 दिनों से राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति सचिवालय के बाहर राविवि से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों का धरना जारी है. भीषण गर्मी के बीच भी अपनी दो सूत्री मांगों को लेकर कर्मचारी धरने पर डटे हैं. अप्रैल और मई महीने में सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को मिलने वाले लाभों में करीब 3 से 6 लाख रुपये की रिकवरी के आदेश को वापस लेकर पूरा भुगतान करवाने की मांग है, तो वहीं इस साल राविवि के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी जगदीश मीणा की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी.
ऐसे में कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि राविवि की ओर से सेवानिवृत्त के बाद मिलने वाले लाभों का समय पर भुगतान नहीं होने के चलते कर्मचारी का समय पर उचित इलाज नहीं हो पाया था. जिसके चलते उसकी मृत्यु हो गई थी,ऐसे में जगदीश मीणा के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और 50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की जा रही है.
पैसों के अभाव में हुई थी जगदीश मीणा की मौत
गौरतलब है कि अप्रैल और मई के महीने में राविवि में करीब 11 कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए और जब 30 मई को उनकी ग्रेच्युटी और अन्य लाभों का भुगतान किया गया तो एक नियम के तहत पुरानी रिकवरी निकालते हुए प्रत्येक कर्मचारी के करीब 3 लाख रुपये से 6 लाख रुपये की कटौती करते हुए उनको लाभ के चेक दिए गए. इसके साथ ही राविवि से सेवानिवृत्त हुए एक कर्मचारी जगदीश मीणा को मिलने वाले लाभों का समय पर भुगतान नहीं होने के चलते पैसों के अभाव में उचित इलाज नहीं मिलने से जगदीश मीणा की मौत हो गई थी, जिसके बाद से ही राविवि के सेवानिवृत्त कर्मचारियों में आक्रोश था. कर्मचारियों ने जगदीश मीणा के परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग को लेकर भी धरना दिया जा रहा है.
कर्मचारी संगठन नेता ने दी आंदोलन को उग्र करने की चेतावनी
सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ सदस्य मोहम्मद मुस्तफा ने बताया कि "विश्व विद्यालय प्रशासन द्वारा मनमर्जी द्वारा कार्य किया जा रहा है. जगदीश मीणा को समय पर ग्रेजुएटी सहित अन्य लाभ का समय पर भुगतान नहीं होने के चलते उसका समय पर उचित इलाज नहीं हो पाया है. इसी वजह से उसकी मौत हो गई, ऐसे में परिजनों में से किसी को सरकारी नौकरी और 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग को लेकर धरना चल रहा है,,तो वहीं अप्रैल और मई महीने में सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों की मनमर्जी से करीब 3 से 6 लाख रुपये तक की रिकवरी भी विवि प्रशासन ने निकाली है. ऐसे में इस आदेश को भी जब तक वापस नहीं लिया जाता है,तब तक आंदोलन चलता रहेगा."