जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के भाई अग्रसेन गहलोत (Agrasen Gehlot) को प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने समन भेजकर तलब किया है. ईडी ने अग्रसेन गहलोत को पूछताछ के लिए आज हेडक्वार्टर बुलाया है. फर्टीलाइजर स्कैम से जुड़े इस मामले में ED पहले अग्रसेन गहलोत के प्रतिष्ठानों पर सर्च ऑपरेशन कर चुकी है. ईडी ने गत वर्ष जुलाई माह में आखिरी बार अग्रसेन गहलोत के ठिकानों पर राजस्थान समेत कई जगहों पर छापेमारी की थी. यह पूरा कथित घोटाला म्यूरेट ऑफ पोटाश के निर्यात के इर्द-गिर्द घूमता है, जिसे इंडियन पोटाश लिमिटेड द्वारा आयात किया जाता है और किसानों को रियायती दरों पर कंपनियों के माध्यम से वितरित किया जाता है.
जानकारी के अनुसार यह उर्वरक घोटाला यूपीए सरकार के समय का है. उस समय इस मामले में केन्द्रीय जांच एजेंसी डीआरआई की ओर से दर्ज मामले को आधार बनाते हुए ईडी ने इस संबंध में मामला दर्ज किया था. अग्रसेन गहलोत की कंपनी अनुपम कृषि पर पोटाश यानि उर्वरक को रखने और उसे किसानों के बीच वितरित करने की जिम्मेदारी थी. इस पोटाश को इंडियन पोटाश लिमिटेड की ओर से विदेश से आयात कर सरकारी सब्सिडी के साथ सस्ते में अनुपम कृषि नाम की कंपनी को दे दिया था. कंपनी ने सब्सिडी वाले इस सस्ते उर्वरक को किसानों को देने की बजाय उसे निर्यात कर दिया गया. आरोप है कि इसे निर्यात करने के लिए अग्रसेन गहलोत ने फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया था. इससे अग्रसेन गहलोत और उनकी कंपनी को काफी हुआ था.
2013 में हुये इस मामले में उस समय कस्टम विभाग ने कार्रवाई करते हुए अग्रसेन गहलोत की कंपनी पर लगभग 60 करोड़ रुपये का भारी भरकम जुर्माना भी लगाया था. उसके बाद ईडी की टीम ने दिल्ली सहित पश्चिम बंगाल, राजस्थान और गुजरात के कई लोकेशन पर छापेमारी भी की थी. इस रेड के दौरान मिले अहम दस्तावेजों और सबूतों को आधार बनाते हुए प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने आगे जांच-पड़ताल की थी. गत वर्ष जब अग्रसेन के ठिकानों पर छापामारी की गई थी तो उस समय राजनीति काफी गरमायी थी. कांग्रेस और बीजेपी में जमकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला था.