उदयपुर जेल में चेकिंग के दौरान दस दिन में मिले नौ मोबाइल, डीआईजी ने मांगा जेल अधीक्षक से जबाव
उदयपुर। उदयपुर जेल डीआईजी कैलाश त्रिवेदी ने सेंट्रल जेल में दस दिन के दौरान जांच के दौरान तीन मोबाइल बरामद होने को गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस मामले में स्टाफ की मिलीभगत पर शंका जताई है और उनसे जबाव मांगा है। डीआईजी त्रिवेदी ने जेल के सुरक्षा सिस्टम पर सवाल उठाते हुए पूछा कि आखिर जेल के अंदर मोबाइल कैसे पहुंच रहे हैं? इसमें किसी की मिलीभगत तो नहीं है। उनसे यह भी पूछा गया है कि क्या मोबाइल अंदर पहुंचाने में जेल के ही किसी स्टाफ की मिलीभगत तो नहीं? जेल डीआईजी ने कहा कि अगर जेल में मोबाइल अंदर पहुंचाने की घटना में जेल का कोई भी स्टाफ लिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि पुलिस बीते 10 दिन में जेल के अंदर से 9 मोबाइल जब्त कर चुकी है। जिसमें 3 मोबाइल दो दिन पहले मिले थे। पिछले सप्ताह एक कैदी से गांजा भी मिला था।
8 साल से जेल में लगे हैं, नहीं कर रहे काम
मिली जानकारी अनुसार 8 साल से राजस्थान की ज्यादातर जेलों में 2जी नेटवर्क के जेमर लगे हैं जो काम नहीं कर रहे। इसलिए मोबाइल अंदर पहुंचाए जा रहे हैं और कैदी उन मोबाइल आसानी से अपना आपराधिक नेटवर्क मजबूत करने में लगे हैं।