Dungarpur : जल की गुणवत्ता जांचनेे के लिए एफटीके के प्रशिक्षण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित

Update: 2024-06-16 12:28 GMT
 डूंगरपुर । जिला कलक्टर के निर्देशानुसार जिले के सभी दस ब्लॉक में जल जीवन मिशन योजना के तहत एफटीके (फिल्ड टेस्ट किट) से पानी की जॉच करने का प्रशिक्षण विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिया गया।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार कछवाहा ने बताया कि प्रशिक्षण रासायनिज्ञ मानजी मेढ़ा द्वारा दिया गया। प्रशिक्षण में सभी ब्लॉकस से कुल 1351 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने भाग लिया। प्रशिक्षण के दौरान जेजेएम मोबाईल ऐप द्वारा इनका रजिस्ट्रेशन भी किया गया। उन्होंने बताया कि आगे यह प्रशिक्षण जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि गांवों की महिलाओं एवं आशा सहयोगिनी आदि को पानी की जांच स्वयं करने के लिए यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें टेस्ट किट द्वारा पानी में क्षारीयता, पी एच, कठोरता, मैलापन, क्लोराईड की मात्रा, फ्लोराईड की मात्रा, आयरन की मात्रा, नाइट्रेट की मात्रा, बैक्टीरिया की जांच कर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में अधीक्षण अभियंता ने कहा कि जल ही जीवन है, जल को बचाना सभी का दायित्व है। शुद्ध जल के सेवन से तमाम प्रकार की बीमारियों से निजात मिलती है। ग्राम पंचायतों में पेयजल स्त्रोतों से प्रयोग में लिए जा रहे पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए हर गांव में एफटी की समय की मांग है। जल जीवन मिशन कार्यक्रम अंतर्गत गांवों में जल गुणवत्ता जांच के लिए प्रशिक्षुओं को एफटीके के उपयोग की जानकारी दी। पानी की गुणवत्ता के मानक बताये गए। उन्होंने बताया कि शुद्ध पानी में क्लोराइड 250 से 1000 मिलीग्राम प्रतिलीटर, कठोरता 200 से 600 मिलीग्राम प्रतिलीटर, क्षारीयता 200 से 600 मिलीग्राम प्रतिलीटर, आयरन 10 मिलीग्राम प्रतिलीटर, फ्लोराइड 10-15 मिलीग्राम प्रतिलीटर, नाइट्रेट 45 मिलीग्राम प्रतिलीटर व पीएच 65 से 85 मिलीग्राम प्रतिलीटर होना जरूरी है। प्रशिक्षण में सभी ब्लॉक की 1351 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं विभाग के सभी सहायक अभियंता कनिष्ठ अभियंता उपस्थित रहे।
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