Dungarpur: सामान्य प्रेक्षक श्री के. विवेकानंदन सामान्य प्रेक्षक ने ईवीएम कमिशनिंग कार्य का किया निरीक्षण

Update: 2024-11-06 12:02 GMT
Dungarpur डूंगरपुर । जिले के चौरासी विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के तहत 13 नवम्बर को 251 मतदान केंद्रों पर आवंटित ईवीएम-वीवीपैट मशीनों का कमीशनिंग कार्य बुधवार को भी जारी रहा। भारत निर्वाचन आयोग की ओर से नियुक्त सामान्य प्रेक्षक श्री के. विवेकानंदन ने ईवीएम कमिशनिंग कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान भारत निर्वाचन आयोग की ओर से निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार ईवीएम मशीनों की कमीशनिंग का कार्य किया गया। जिला निर्वाचन अधिकारी अंकित कुमार सिंह ने बताया कि ईवीएम कमिशनिंग ईवीएम कमीशनिंग निर्वाचन प्रणाली में एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो मतदान प्रक्रिया की अखंडता और सटीकता सुनिश्चित करती है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की कार्यक्षमता को सत्यापित करने के लिए जांच और परीक्षणों की एक श्रृंखला शामिल होती है। इस दौरान रिटर्निंग अधिकारी कपिल कोठारी
भी उपस्थित रहे।
प्रथम स्तरीय जांच (एफएलसी)
जिला स्तरीय दक्ष प्रशिक्षक वैभव पाठक ने बताया कि राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में प्रथम स्तरीय जांच (एफएलसी) की जाती है। इस दौरान ईवीएम के सही कामकाज को सत्यापित करने के लिए पावर-ऑन, सेल्फ-टेस्ट, उम्मीदवारों के नाम और प्रतीकों का प्रदर्शन, वोटों का सटीक रिकॉर्डिंग, वोटर-वेरिफाइएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) स्लिप का स्पष्ट प्रिंटिंग परीक्षणों की एक श्रृंखला शामिल होती है।
रेंडमाइजेशन
ईवीएम को मतदान केंद्रों को यादृच्छिक रूप से असाइन किया जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि कोई विशिष्ट ईवीएम किसी विशेष उम्मीदवार या पार्टी के पक्ष में पूर्व-प्रोग्राम नहीं किया गया है।
सीलिंग
कमीशनिंग के बाद ईवीएम सील कर दिया जाता है।
ईवीएम कमिशनिंग से मतदान शुरू होने तक की प्रक्रिया
निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची को अंतिम रूप देने के बाद ईवीएम एवं वीवीपीएटी की कमिश्निंग की जाती है। निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों या उनके प्रतिनिधियों की उपस्थिति में यह काम किया जाता है। कमिश्निंग हॉल में लगाए गए टीवी मॉनिटर के माध्यम से अभ्यर्थी या उनके अभिकर्ता वीवीपीएटी में सिंबल (चुनाव चिन्ह) लोडिंग की प्रक्रिया को देख सकेंगे। कमिश्निंग के बाद प्रत्येक ईवीएम और वीवीपीएटी में नोटा सहित प्रत्येक उम्मीदवार के लिए एक वोट देकर मॉक पोल किया जाता है। इसके अतिरिक्त रेंडम रूप से चुने गए पांच प्रतिशत ईवीएम एवं वीवीपीएटी पर 1000 वोट डालकर मॉक पोल किया जाता है। इनके इलेक्ट्रॉनिक परिणाम का मिलान भी वीवीपीएटी के पेपर स्लिप से किया जाता है। मतदान के दिन वास्तविक मतदान शुरू होने के 90 मिनट पहले मतदान अभिकर्ताओं की उपस्थिति में मॉक पोल किया जाता है। इस दौरान नोटा सहित प्रत्येक अभ्यर्थी के लिए एक वोट डालकर कम से कम 50 वोट के साथ मॉक पोल किया जाता है। कंट्रोल यूनिट पर प्राप्त मॉक पोल के परिणाम का मिलान वीवीपीएटी से प्रिंट की गई पर्ची के साथ कर एक प्रमाण पत्र पीठासीन अधिकारी द्वारा तैयार किया जाता है। मॉक पोल के तुरंत बाद कंट्रोल यूनिट का क्लियर बटन दबाकर मॉक पोल का डाटा डिलीट किया जाता है। मॉक पोल की वीवीपीएटी पेपर स्लिप को कंपार्टमेंट से निकाल कर काले रंग के लिफाफे में भरकर सील किया जाता है।
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