स्टाफ कर्मियों की लापरवाही के चलते वार्मर हिटिंग से झुलसे दूसरे नवजात ने भी तोड़ा दम

Update: 2022-10-28 07:06 GMT

भीलवाड़ा न्यूज़: जिले के सबसे बडे महात्मा गांधी चिकित्सालय की मातृ एवं शिशु चिकित्सा इकाई स्थित एनआईसीयू में स्टाफ कर्मियों की लापरवाही के चलते वार्मर की अत्यधिक हिटिंग से झुलसे 10 दिन के दूसरे नवजात ने भी दम तोड़ दिया। उधर मासूमों की मौत के बाद मोर्चरी के बाहर समाज के लोग जमा होकर अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। उधर मामले की गंभीरता को लेकर मुख्यालय के निर्देश पर विभाग के संयुक्त निदेशक अजमेर डॉ. इन्द्रजीत सिंह भी एमजीएच पहुंचे तथा एनआईसीयू का निरीक्षण कर हर पहलू की बारिकी से जांच की तथा स्टाफ कर्मियों से भी बातचीत कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और जिम्मेदार डॉक्टरों पर कार्रवाई व मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता दिलाने की मांग करते हुए पोस्टमार्टम कराने और शव उठाने से इनकार कर दिया। मौके पर पहुंचे अस्पताल प्रशासन व पुलिस अधिकारियों की समझाइश के बाद परिजन पोस्टमार्टम करवा शव ले जाने के लिए तैयार हुए। उधर समाजजनों ने कार्रवाई नहीं होने पर 31 अक्टूबर को भीलवाड़ा बंद की चेतावनी दी है।

बिना योग्यता कार्मिकों की भर्ती पर उठाए सवाल: हादसे के बाद अखिल भारतीय खटीक समाज के जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र डीडवानिया ने आरोप लगाया की अस्पताल के अधिकारियों ने बिना साक्षात्कार के इन कर्मियों को नियुक्ति दी है। डीडवानिया ने बताया कि अधिकारियों ने विभागाध्यक्ष डॉ.जगदीश सोलंकी को साइड लाईन कर इन कर्मियों को बगैर साक्षात्कार के ही नियुक्ति दे दी जो अब हादसे का कारण बन गया।

संयुक्त निदेशक पहुंचे एमजीएच: चिकित्सा विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. इंद्रजीत सिंह ने गुरुवार को अजमेर से भीलवाड़ा पहुंचकर अस्पताल का जायजा लिया। डॉ. सिंह ने कहा कि मामले में जिसकी भी लापरवाही होगी, जांच रिपोर्ट आने के बाद उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

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