बूंदी। बूंदी कस्बे के श्मशान घाट में सुविधाओं के अभाव के चलते लोगों शुक्रवार को मृतका के अंतिम संस्कार में परेशानी का सामना करना पड़ा। सुचारू रूप से अंतिम संस्कार करने के लिए तिरपाल लगाकर करना पड़ा। देई में मुक्तिधाम पर समाजों के अनुसार अलग अलग चबूतरे बने हुए है। माली समाज के स्थान पर चबूतरे व टीनशेड नहीं होने से बरसात में अंतिम संस्कार के लिए लोगों ने तिरपाल लगा कर अंतिम संस्कार करना पडा। जानकारी अनुसार शुक्रवार को बिरधी बाई सैनी (60) पत्नी कालू सैनी की मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार कें दौरान बारिश शुरू हो गई। ऐसे में लोगों को तिरपाल में अंतिम संस्कार करना पडा। बिरधी बाई की कोटा में उपचार के दौरान मौत हुई थी। श्मशान स्थल पर व्यवस्था नहीं होने से माली समाज के लोगों में रोष व्याप्त हो गया। शीघ्र चबूतरे व टीनशेड का निर्माण नही होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
शहर में सुबह बादल छाए रहने से मौसम में उमस बनी रही। दोपहर में धूप निकलने के बाद शाम को घटाए छा गई। देर शाम कुछ देर के लिए बूंदाबांदी हुई।वहीं ग्रामीण इलाकों में दोपहर बाद बारिश का दौर जारी रहा।नैनवां में शुक्रवार शाम को बीस मिनट तक बरसात हुई। भण्डेड़ा क्षेत्र में दोपहर बाद आसमान में काली घटाएं छाई रही। बांसी कस्बे में भण्डेडा रोड पर बरसाती पानी से सड़क दरिया बन गई। देईखेड़ा में सड़कों पर पानी बह निकला। कापरेन क्षेत्र में शाम को साढ़े पांच बजे के रिमझिम बारिश शुरू हुई। बरसात होने से किसानों में खुशी देखने को मिली।बरुन्धन कस्बे में शाम छह बजे बाद से मध्यम दर्जे की बरसात हुई। बारिश से मौसम हुआ ठंडा होने के साथ किसानों के चेहरे खिल उठे।