नशा छोड़ने से मौत, लकवा और नपुंसकता जैसी भ्रांतियां नशा बेचने वाले लोग अपने फायदे के लिए के लिए समाज में फैलाते है

Update: 2023-06-26 10:17 GMT
अंतर्राष्ट्रीय नशा विरोधी दिवस पर नशामुक्त भारत अभियान के अंतर्गत जिला पुलिस अधीक्षक श्री देशमुख परिस अनिल के निर्देशानुसार नशामुक्ति जनजागृति कार्यशाला श्रीगंगानगर में जवाहर नगर स्थित छजगरिया बस्ती की नायक धर्मशाला में पुलिस थाना जवाहर नगर की मीरा चौकी की ओर से आयोजित हुई।
इस अवसर पर मुख्य वक्त्ता के रूप में संबोधित करते हुए राजकीय नशामुक्ति परामर्श एवं उपचार केंद्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. रविकांत गोयल ने कहा कि बढ़ते नशे पर जनसहभागिता और सामूहिक प्रयासों से नियंत्रण पाया जा सकता है। हमे अपने पारिवारिक खुशी के मौकौ पर पर नशे को सामाजिक स्वीकृति प्रदान करने से परहेज करना चाहिए। नौजवान पहली बार नशा ऑफर करने वाले को ना करना सीखे। नशा छोड़ना मुश्किल है परंतु नामुमकिन नही है। नशा दृढ़ निश्चय से बिना किसी नुकसान के छोड़ा जा सकता है। नशा छोड़ने से मौत, लकवा और नपुंसकता जैसी भ्रांतियां नशा बेचने वाले लोग अपने फायदे के लिए समाज में डर पैदा करने के लिए फैलाते है। डॉ. गोयल ने नशेडियो के लक्षण, नशीले पदार्थाे के दुष्परिणाम, नशीले पदार्थाे से बचने के उपाय से अवगत करवाते हुए नशामुक्त जीवन जीने का आह्वान किया।
शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि समाजसेवी श्री मुनीश कुमार लड्ढा ने कहा कि भारत की आजादी चार करोड़ से भी अधिक भारतीयों के पराक्रम, परिश्रम, बलिदान और त्याग का परिणाम है। क्या हम इसे यूं ही नशे में बर्बाद होते देखते रहेंगे। लड्ढा ने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपनी प्रसुप्त शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, आत्मिक शक्तियों का मूल्यांकन कर नशामुक्त भारत का निर्माण करने में जुटे। जिला पुलिस अधीक्षक श्री देशमुख परिस अनिल जिस निष्ठा, उतरदायित्व व कर्तव्यपरायणता के साथ नशे के विरुद्ध अभियान चला रहे हैं, हम सबको उसमें सहयोग देना चाहिए। नशे के सेवन के बढ़ते प्रभाव से नौजवान असमय मृत्यु का शिकार हो रहे है, जो परिवारों और समाज के लिए चिंता का विषय है। नशा करने वाले नौजवान अपने परिवार और समाज पर बोझ बनकर रह जाते है। आज जिन परिवारों के नौजवान लड़के या लड़कियां नशा करते है, उन परिवारों के लोग अपने ही बच्चो से इतने परेशान है कि वे नशामुक्ति केंद्रों के नाम पर खुले अवैध केंद्रों पर भारी रूपए देकर उनसे छुटकारा पाने के लिए उन्हें वहां छोड़ कर जाने को मजबूर हो जाते है।
मीरा चौकी के प्रभारी श्री सुरेंद्र कुमार ने कहा कि जिन परिवारों के बच्चे नशे में लिप्त हैं, वो अभिभावक अपने बच्चो की काउंसलिंग के लिए आगे आये और उनका जीवन बचाने में समाज से संकोच को छोड़े और जब भी आवश्यक समझे तो पुलिस का और डॉक्टर साहब का सहयोग ले। शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता बनवारी लाल शर्मा ने कहा कि पुलिस प्रशासन कानून की कड़ाई से अवैध रूप से नशा बेचने वालो पर कार्यवाही कर रहा है परंतु जो लोग किन्ही कारणों से गुमराह होकर नशे की चपेट में आ चुके है, उन्हें जीवन की मुख्य धारा में फिर से लाना हम सब का सामूहिक दायित्व है।
पैरा लीगल वॉलंटियर इन्द्र मोहन सिंह जुनेजा ने कहा कि सीएलजी सदस्य व सुरक्षा सखी, इलाके के शिक्षाविद्, मेडिकल स्टोर संचालक, चिकित्सक भी नशामुक्ति के कार्य में सहयोगी की भूमिका अदा करे। बढ़ते नशे और अपराध से समाज को मुक्त्ति दिलाने के लिए नशामुक्ति जनजागृति कार्यशालाओं का आयोजन एक प्रशंसनीय प्रयास है। इन कार्यशालाओं के परिणाम धीरे-धीरे बड़े रूप में सामने आयेंगे।
कार्यक्रम में नायक धर्मशाला के प्रधान मुंशीराम नायक, नरेश सेन, सिपाही कृष्ण साहू, सिपाही नरेंद्र खींचड़ एवं वार्ड के नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में डॉ. रविकांत गोयल ने नशा छोड़ने वाले 50 से अधिक रोगियों की स्वास्थ्य जांच कर उन्हें उचित परामर्श भी दिया। (फोटो सहित)
--------
Tags:    

Similar News