डॉ अर्चना की आत्महत्या का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, सुरक्षा के लिए नीति बनाने की मांग

राजस्थान के दौसा में आत्महत्या करने वाली डॉक्टर अर्चना का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।

Update: 2022-04-05 14:12 GMT

राजस्थान के दौसा में आत्महत्या करने वाली डॉक्टर अर्चना का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। वकील शशांक देव सुधि ने कोर्ट में याचिका दायर कर देश भर के डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए नीतियां बनाने की मांग की है। साथ ही मामले की जांच सीबीआई से कराने की भी मांग की गई है।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारी डॉ मुकेश वर्मा (अध्यक्ष), डॉ प्रीतम पंकज (सचिव), डॉ प्रकाश लालचंदानी, डॉ अजीत कुमार और डॉ सुरेंद्र यादव की ओर से अधिवक्ता शशांक देव सुधी और शशि भूषण ने याचिका दायर की है। इसमें कहा गया कि लोगों का इलाज करने वाले डॉक्टरों पर लगातार हमले हो रहे हैं। ऐसे में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सख्त नीति बनाने की आवश्यक है।
क्या है पूरा मामला
दौसा के लालसोट में खेमावास निवासी लालूराम बैरवा पत्नी आशा देवी (22) को प्रसव के लिए 28 मार्च की सुबह आनंद हॉस्पिटल लेकर आए थे। प्रसव के दौरान दोपहर में उसकी मौत हो गई। इससे गुस्साए परिजनों ने मुआवजे की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसमें भाजपा नेता और उनके समर्थक भी शामिल हुए। विरोध-प्रदर्शन के बाद लालसोट थाने में डॉक्टर अर्चना के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया। इससे डॉ. अर्चना शर्मा तनाव में चली गई और अगले दिन 29 मार्च को उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
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