लोकसभा चुनाव-2024 के लिए जिला स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एण्ड मॉनिटरिंग कमेटी गठित

Update: 2024-03-20 10:15 GMT
सिरोही । लोकसभा चुनाव-2024 में आदर्श आचार संहिता की पालना के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी गठित की गई है।
यह कमेटी प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, केबल मोबाइल नेटवर्क तथा सभी प्रकार के संप्रेषण साधनों पर विज्ञापन, समाचार, संदेश, चर्चा व साक्षात्कार की जांच सहित पेड न्यूज पर विशेष निगरानी रखेगी। भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार किसी भी प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित-प्रसारित समाचार या विश्लेषण, जिसका मूल्य नगद या वस्तु में दिया गया हो तो उसे पेड न्यूज के रूप में संदिग्ध मानकर समिति के समक्ष रखा जाएगा।
जानिए क्या है पेड न्यूज
समाचार का उद्देश्य सूचना प्रदान करना एवं विज्ञापन का उद्देश्य बढ़ावा देना या प्रोन्नत करना है। समाचार निष्पक्ष होता है जबकि विज्ञापन का मूल्य होता है। जिले में मतदाताओं पर गलत तरीके से प्रभाव डालना, उन्हें भ्रमित करना और चुनाव व्यय पर प्रभाव डालना, इस आशय से समाचारों को पेड न्यूज माना जाएगा। इसमें एक ही लेख, फोटो, हैडलाइन यदि अलग-अलग प्रकाशनों में छपती है या भिन्न लेखक के नाम से या थोड़े से भिन्न वाक्य के साथ किसी विशेष समाचार पत्र में प्रत्याशियों के प्रशंसात्मक लेख प्रकाशित होते हैं या विशेष प्रत्याशी की अत्यधिक प्रशंसा एवं जीत की संभावना, किसी एक की अन्य प्रत्याशियों की तुलना में अधिक कवरेज हो तो इसको भी पेड न्यूज की श्रेणी में माना जाएगा।
इसमें मीडिया प्रकोष्ठ, व्यय पर्यवेक्षक, मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा प्राप्त किसी भी शिकायत के आधार पर एवं स्वप्रेरणा से संदिग्ध पेड न्यूज के प्रकरण प्राप्त होंगे। उन पर विश्लेषण और आगामी निर्णय एमसीएमसी कमेटी द्वारा किया जाकर निर्धारित कार्यवाही की जाएगी।
पेड न्यूज पर कार्यवाही
समिति द्वारा संदिग्ध पेड न्यूज मानी जाने पर आरओ के माध्यम से सम्बंधित प्रत्याशी को 96 घंटे के भीतर नोटिस जारी होगा। प्रत्याशी को 48 घंटे के भीतर उक्त मामले में जवाब प्रस्तुत करना होगा। इसकी अपील राज्य स्तर पर एमसीएमसी को 48 घंटे में और राज्य स्तरीय एमसीएमसी की अपील भारत चुनाव आयोग को 48 घंटे के भीतर की जा सकती है।
इसमें नामांकन की तिथि से पेड न्यूज निर्धारित की जाएगी। पेड न्यूज की लागत डीएवीपी या डीआईपीआर में से जो न्यूनतम हो, से ज्ञात की जाएगी।
राजनैतिक विज्ञापन प्रमाणित करवाना अनिवार्य
टी.वी चैनल एवं केबल नेटवर्क पर किसी राजनैतिक दल संस्था या प्रत्याशी द्वारा प्रसारण के लिए जारी होने वाले सभी विज्ञापन जारी होने से पूर्व रिटर्निंग ऑफिसर स्तरीय समिति से प्रमाणित करवाने होंगे। उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार टी.वी चैनल एवं केबल नेटवर्क, एफ.एम रेडियो पर राजनैतिक दल संस्था या प्रत्याशी द्वारा प्रसारण के लिए जारी होने वाले सभी विज्ञापन आयोग द्वारा विभिन्न स्तर पर गठित समितियों द्वारा जारी करने से पूर्व ही प्रमाणित करवाने होंगे। आयोग के आदेशानुसार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विज्ञापन में टी.वी चैनल, केबल के साथ रेडियो एफएम चैनल, सिनेमाघर में प्रसारित राजनैतिक विज्ञापनों को भी जोड़ा जाएगा साथ ही जन सभाओं एवं सार्वजनिक स्थान पर दृश्य-श्रव्य विज्ञापन भी प्रमाणित करवाने होंगे।
आवेदन पत्र में आवश्यक दस्तावेज भी करने होंगे संलग्न
विज्ञापन अधिप्रमाणन के लिए मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनैतिक दल, पंजीकृत राष्ट्रीय दलों व प्रत्याशी को विज्ञापन प्रसारण के लिए प्रस्तावित दिनांक से तीन दिन पूर्व विज्ञापन प्रस्तुत करने होंगे। वहीं अन्य गैर पंजीकृत दलों द्वारा विज्ञापन सात दिवस पूर्व प्रस्तुत करने होंगे। निर्धारित आवेदन पत्र के साथ दो प्रतियों में विज्ञापन, विज्ञापन निर्माण लागत, विभिन्न चैनलों पर प्रसारण की लागत, यदि किसी व्यक्ति द्वारा जारी कराया जा रहा है, तो शपथ पत्र, देय भुगतान के सम्बंध में सूचना सम्बंधी सहित आवश्यक दस्तावेज संलग्न करने होंगे।
आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों एवं राजनैतिक दलों को अपराध की जानकारी करनी होगी सार्वजनिक
समाचार पत्र व टीवी चैनल्स में तीन बार देनी होगी सूचना - जिला निर्वाचन अधिकारी
द्वितीय चरण के मतदान के लिए 9 अप्रेल से 24 अप्रेल 2024 के बीच 3 बार करना होगा प्रकाशन/प्रसारण
सिरोही, 20 मार्च। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार लोकसभा आम चुनाव 2024 के दौरान राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों को आपराधिक रिकॉर्ड को 3 बार अलग- अलग तय समयावधि में समाचार पत्रों में प्रकाशित कराना होगा तथा टीवी चैनल्स में प्रसारित कराना होगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी शुभम चैधरी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनुपालना में आयोग ने अभ्यर्थियों के आपराधिक रिकॉर्ड यदि कोई हो तो उन्हें प्रसारित करने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये है। सभी राजनैतिक दलों को जिनके द्वारा आपराधिक पूर्वावृत रखने वाले अभ्यर्थियों को उम्मीदवार बनाया गया है, उन्हें भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित नवीन प्रारूप सी-7 में ऐसे अभ्यर्थी के चयन से 48 घंटे के भीतर यह प्रकाशित करना होगा कि उनके द्वारा आपराधिक पूर्वावृत्त रखने वाले व्यक्ति को ही उम्मीदवार क्यों चुना गया है। उक्त प्रकाशन की सूचना ऐसे राजनैतिक दलों को प्रारूप सी-8 में 72 घंटे के भीतर भारत निर्वाचन आयोग को भी प्रेषित किया जाना आवश्यक होगा। राजनीतिक दलों तथा अभ्यर्थियों के आपराधिक मामलों के प्रचार-प्रसार के लिये उन्हें फॉर्म सी-1 व सी-2 के द्वारा राष्ट्रीय व स्थानीय समाचार पत्रों एवं टीवी चैनल्स में प्रसारित करवाना होगा।
अभ्यर्थी द्वारा भरे गए नामांकन पत्र में यदि स्वयं के संबंध में कोई आपराधिक मामला दर्ज होने की सूचना दी जाती है, तो अभ्यर्थी एवं संबंधित राजनीतिक दल को विहित प्रारूप में सूची के अनुसार जानकारी प्रकाशित व प्रसारित करवानी होगी। आयोग के अनुसार लोकसभा आम चुनाव के उम्मीदवारों में यदि किसी अभ्यर्थी का आपराधिक रिकॉर्ड है, तो अभ्यर्थिता वापसी के प्रथम चार दिनों के भीतर प्रथम प्रचार, अगले पांच से 8 दिनों के बीच दूसरा प्रचार तथा तीसरा प्रचार 9 वें दिन से प्रचार अभियान के अंतिम दिन तक (मतदान दिवस से दो दिन पूर्व तक) विज्ञापन समाचार पत्रों व टीवी चैनल पर प्रकाशित, प्रसारित करने होंगे। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदेश में चुनाव के लिए निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अभ्यर्थियों एवं राजनैतिक दलों को सी-1 एवं सी-2 प्रारूप में प्रकाशन की समयावधि इस प्रकार होगी।
द्वितीय चरण के मतदान के लिए
1 प्रथम प्रकाशन दिनांक 09-04-2024 से दिनांक 12-04-2024 के बीच
2. द्वितीय प्रकाशन दिनांक 13-04-2024 से दिनांक 16-04-2024 के बीच एवं
3. तृतीय प्रकाशन दिनाकं 17-04-2024 से चुनाव प्रचार की अंतिम तिथि तक (दिनांक 24-04-2024 तक)
ऐसे राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्र जिनकी प्रसार संख्या 75 हजार प्रतिदिन हो तथा स्थानीय समाचार पत्र जिसकी प्रतिदिन 25 हजार प्रतियां प्रकाशित होती हो, में उक्त विहित सी-1 एवं सी-2 प्रारूप प्रकाशित करवाने होंगे। इसी प्रकार विभिन्न टीवी चैनल में भी इनका प्रसारण करवाना होगा, जिसकी समयावधि प्रातः 8 से रात्रि 10 बजे के बीच न्यूनतम 7 सैकंड के लिए की जानी आवश्यक होगी।
चैधरी ने बताया कि आयोग के निर्देशानुसार फॉर्मेट सी-1 उम्मीदवारों के लिये होगा तथा सी-2 राजनीतिक दलों के लिए होगा। निर्धारित प्रपत्र के अनुसार पूरी जानकारी भरकर समाचार पत्रों व न्यूज चैनल पर प्रकाशित-प्रसारित करवाना होगा।
फॉर्मेट सी-1 में आपराधिक मामलों में घोषणा करते समय उम्मीदवार को 1. अभ्यर्थी के विरूद्ध लंबित आपराधिक मामलों से संबंधित विवरण मोटे अक्षरों में होगें, 2. समाचार पत्रों में सूचना न्यूनतम 12 फोंट के आकार में प्रकाशित कराई जाएगी, 3. प्रत्येक मामले के लिए विवरण अलग-अलग पंक्तियों में अलग-अलग दिया जाना चाहिए, 4.यदि कोई अभ्यर्थी किसी दल विशेष के टिकट पर निर्वाचन लड़ रहा है, तो उसे अपने विरूद्ध लंबित आपराधिक मामलों के बारे में अपने दल को सूचना देनी अपेक्षित होगी, 5. जैसे ही आपराधिक मामलों के संबंध में घोषणा प्रकाशित हो जाती है, अभ्यर्थी तत्काल इसकी सूचना रिटर्निंग अधिकारी को देंगे। इसके अतिरिक्त, निर्वाचन परिणाम की घोषणा के 30 दिनों के भीतर वे निर्वाचन व्ययों के लेखा सहित फार्मेट सी-4 में मामलों के संबंध में घोषणा के प्रकाशन के बारे में एक रिपोर्ट जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।
फॉर्मेट सी-2 जिसके तहत राजनैतिक दलों द्वारा वेबसाइट्स, समाचार चैनलों तथा समाचार पत्रों में दल द्वारा खडे किये गए अभ्यर्थियों के आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में जानकारी देनी होगी। साथ ही राजनैतिक दल आपराधिक रिकॉर्ड वाले अभ्यर्थियों से संबंधित सूचना दल की ऑफिसियल वेबसाइट के होमपेज पर डालने के लिए भी बाध्य होंगे।
लोकसभा चुनाव 2024
पंपलेट, पोस्टर, बैनर पर अनिवार्यतः देना होगा मुद्रक और प्रकाशक का नाम ,पता तथा संख्या
सिरोही, 20 मार्च। लोकसभा आम चुनाव 2024 के तहत राजनीतिक पार्टियों, प्रत्याशियों और उनके समर्थकों द्वारा समस्त प्रकार के पंपलेट, पर्चे, पोस्टर, बैनर, विज्ञापन, हैंडबिल प्रकाशित करवाते समय मुद्रक और प्रकाशक का नाम तथा पता व प्रतियों की संख्या को अनिवार्य रूप से अंकित करवाना होगा ।
जिला निर्वाचन अधिकारी शुभम चैधरी ने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 क के प्रावधानों की अनुपालना सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि जब भी कोई व्यक्ति किसी निर्वाचन पंपलेट, फ्लेक्स, होर्डिंग्स,बैनर या पोस्टर का मुद्रण करवाने आता है तो मुद्रक को प्रकाशक की पहचान की घोषणा उसके द्वारा हस्ताक्षरित तथा दो अन्य व्यक्तियों द्वारा सत्यापित प्रति लेनी होगी।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि आरपीए 1951 की धारा 127-क के अनुसार निर्वाचन पैम्फलेट, पोस्टर इत्यादि में प्रकाशक व मुद्रक का नाम व पता, के साथ मुद्रण प्रतियों की संख्या का उल्लेख आवश्यक रूप से करना होगा, साथ ही प्रिंट की गई सामग्री के संबंध में 3 दिन में चार प्रतियां जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय को प्रस्तुत करनी होगी। उन्होंने बताया कि इन नियमों की अवहेलना होने पर आरपीए 1951 का उल्लंघन मानते हुए संबंधित के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता के तहत कार्यवाही की जायेगी।
लोकसभा आम चुनाव-2024
सी-विजिल एप से आमजन कर सकेंगे आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत
शिकायत पर 100 मिनट में होगी कार्यवाही
सिरोही, 20 मार्च। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आमजन की सुविधा के लिये सी-विजिल एप संचालित किया है। एप के माध्यम से आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत कर सकते हैं। एप पर की गई शिकायत पर मात्र 100 मिनट में कार्यवाही होगी।
निर्वाचन विभाग के अनुसार अगर आमजन को चुनाव में कहीं लिकर या धन बांटने की जानकारी मिलती है, वोटर्स को ले जाने के लिए वाहन लगे हों या कोई फेक या पेड न्यूज दिखाई दी है तो सी-विजिल एप पर शिकायत पर जिला निर्वाचन विभाग महज 100 मिनट में कार्यवाही करेगा। आमजन को सिर्फ एक फोटो या वीडियो बना कर चुनाव आयोग के सी-विजिल एप पर अपलोड करना है। निर्वाचन विभाग द्वारा कार्यवाही की जाएगी।
जिला निर्वाचन अधिकारी शुभम चैधरी ने आमजन से अपील की है कि आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में सी-विजिल एप के माध्यम से शिकायत करें। इस पर तुरंत कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि सी-विजिल एप पर आम नागरिक हथियारों का प्रदर्शन, मतदाताओं को प्रलोभन के लिए निःशुल्क उपहारों का वितरण, मतदाताओं को परिवहन साधनों से वोट डालने ले जाना, फेक न्यूज, डराना-धमकाना, सार्वजनिक प्रोपर्टी पर विज्ञापन, धन वितरण, हेट स्पीच, सांप्रदायिक भाषण एवं शराब व नशीले पदार्थ का वितरण सम्बन्धित शिकायत कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाएगा। ऐप पर फोटो या वीडियो अपलोड करना होगा। शिकायतकर्ता को यह भी लिखने की जरूरत नहीं होगी कि वह कहां है। यानी इस ऐप के जरिए मतदाता भी चुनाव में निगरानी रख सकते हैं। ऐप के माध्यम से मतदाता फोटो और वीडियो के साथ जहां गड़बड़ी हो रही हो, उस स्थान की लोकेशन स्वतः अटेच रहेगी और विवरण लिखकर पूरी जानकारी उपलब्ध करवा सकते हैं।
ऐसे करें ऐप का उपयोग
जागरूक नागरिकों के लिए सिटीजन विजिल एप है। यह एप एंड्रॉयड और आईओएस दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। एंड्रॉयड यूजर इसे गूगल प्ले स्टोर से और एपल यूजर एप स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इंस्टॉल करने पर कैमरा, लोकेशन, ऑडियो और फाइल्स एक्सेस करने की अनुमति मांगी जाती है। इसके बाद भाषा चुनने का विकल्प मिलता है। इस एप में झूठी शिकायत रोकने के लिए लाईव फोटो, वीडियो एवं ऑडियो भेजने की सुविधा दी गई है। निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव के लिए यह एप प्रभावी भूमिका निभाएगा।
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