जिला बनाओ आंदोलन तेज, कल सूरतगढ़ में निजी शिक्षण संस्थाएं रहेंगी बंद

Update: 2023-04-09 18:17 GMT
श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर सूरतगढ़ को जिला बनाने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के तहत सोमवार की विशाल आमसभा को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाने के लिए शुक्रवार शाम को एपेक्स भवन में सामाजिक, व्यापारिक, शैक्षणिक और धार्मिक संगठनों की बैठक आयोजित कर रणनीति बनाई गई। बैठक में वक्ताओं ने सरकार के खिलाफ विरोध करने के लिए काली पट्टी बांधने, घर-घर पीले चावल बांटकर लोगों को जोड़ने, हर दुकान हर घर से लोगों को आंदोलन में शामिल करने संबंधी अन्य विचार रखते हुए रूपरेखा बनाई। निजी शिक्षण संस्था के अध्यक्ष ओमप्रकाश भादू ने कहा कि शनिवार को निजी शिक्षण संस्था बंद कर धरना स्थल पर संस्था के चार पदाधिकारी क्रमिक अनशन पर बैठेंगे। बैठक में अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे।
वक्ताओं ने कहा कि सूरतगढ़ को जिला बनाए जाने की मांग चार दशक पुरानी है। बताया गया कि रियासत काल में सूरतगढ़ जिला ही हुआ करता था। जिसके अधीन श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ तक का क्षेत्र तक शामिल था। श्रीगंगानगर के बाद तत्कालीन भाजपा की भैरोसिंह शेखावत सरकार ने सूरतगढ़ की उपेक्षा कर हनुमानगढ़ को जिला घोषित कर दिया। उस समय भी आंदोलनकारियों को यह आश्वासन दिया गया था कि भविष्य में जब भी जिले बनाए जाएंगे तब सूरतगढ़ को प्राथमिकता दी जाएगी। अब कांग्रेस की गहलोत सरकार ने भी सूरतगढ़ की उपेक्षा कर लोगों की मांग पर कुठाराघात किया है। जिसे लेकर लोगों के मन में आक्रोश है। वक्ताओं ने कहा कि 19 जिलों में भी सूरतगढ़ का नाम घोषित नहीं होना राजनीतिक रूप से उपेक्षा ही माना जाएगा।
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