कोटा में जिला प्रशासन व पुलिस ने शुरू किया मिशन सारथी

Update: 2023-07-22 12:30 GMT

कोटा: कोटा कॅरियर सिटी कोटा में छात्र हित को सर्वोपरि रखते हुए उन्हें मोटिवेट करने के लिए अब हर हॉस्टल के स्तर पर काम किया जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन और पुलिस विभाग हॉस्टल्स पर पैनी नजर रखेंगे। इसकी शुरुआत शुक्रवार को लैंडमार्क सिटी में मिशन सारथी की लॉंचिंग से की गई। यहां जिला प्रशासन व पुलिस के सहयोग से ऑल स्टूडेंट्स वेलफेयर सोसायटी की ओर से यह मिशन लॉन्च किया गया। एलन सम्यक कैम्पस के सद्गुण सभागार में आयोजित सारथी सेशन में 500 से अधिक हॉस्टल संचालक, वार्डन, मैनेजर और विद्यार्थियों से जुड़े व्यक्ति शामिल हुए।

मुख्य अतिथि शहर पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी रहे। विशिष्ट अतिथि जिला प्रशासन के नोडल ऑफिसर आरएएस गजेन्द्र सिंह, एलन के प्रिंसिपल साइकोलॉजिस्ट डॉ. हरीश शर्मा रहे। कार्यक्रम में चम्बल हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष भगवान बिड़ला, कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी व एएसडब्ल्यूएस के अध्यक्ष मुकेश सारस्वत भी मौजूद रहे। शहर पुलिस अधीक्षक चौधरी ने कहा कि देशभर में कोटा अच्छी शिक्षा के लिए विख्यात है। यहां बड़ी संख्या में विद्यार्थी आ रहे हैं, जब भी कभी स्टूडेंट के सुसाइड की सूचना मिलती है तो बहुत दुख होता है। स्टूडेंट्स दिल्ली में भी हैं, लेकिन वे थोड़ी बड़ी उम्र के हैं। हमें ये समझना होगा कि ये छोटे बच्चे हैं जो परिवार छोड़कर हमारे पास आए हैं, हमें इन्हें परिवार के रूप में संभालना होगा। इनका ध्यान रखना होगा, छोटी-छोटी बातों को लेकर ये तनाव में नहीं आएं ये समझना होगा। यदि हॉस्टल्स के माध्यम से ध्यान रखा जाएगा तो हम ज्यादा बेहतर मॉनिटरिंग कर सकेंगे।

नोडल ऑफिसर आरएएस सिंह ने कहा कि कोटा का अर्थचक्र कोचिंग से चल रहा है और विद्यार्थी हित ही हमारे लिए सर्वोपरि होना चाहिए। हम खुद से सवाल करें, जो व्यवहार हम विद्यार्थियों के साथ करते हैं, क्या यह उचित है। घर के बच्चों के साथ ऐसा ही किया जाना चाहिए। आपकी-हमारी सभी की जिम्मेदारी है कि समय रहते संभलें, विद्यार्थियों की सुविधाओं पर ध्यान दें, जो भी कमिटमेंट हमारे द्वारा बच्चों या अभिभावकों से किया जाता है, उसमें गंभीरता बरतें। यह देखें कि हम जितना पैसा ले रहे हैं, क्या उतनी सुविधाएं दे रहे हैं। कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव माहेश्वरी ने कहा कि कोचिंग स्टूडेंट की वजह से ही हॉस्टल चल रहे हैं। सभी हॉस्टल संचालकों व स्टाफ वार्डनों को विद्यार्थियों की पूरी सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना पड़ेगा। उनके साथ सप्ताह में एक बार संयुक्त बैठक होना आवश्यक है। इससे उनकी समस्या का पता चलने पर समाधान किया जा सकेगा।

सारथी सेशन के बारे में डॉ. शर्मा ने कहा कि विद्यार्थियों की समस्याओं को समझने, उनके मनोविज्ञान के अनुसार हॉस्टल्स पर सुविधाएं देने के उद्देश्य से 25 एक्सपर्ट साइकोलॉजिस्ट काउंसलर्स की टीम तैयार की गई। ऑल स्टॅडेंट्स वेलफेयर सोसायटी के टीम मैंबर्स, सीपीओ और काउंसलर्स की 8 से 10 सदस्यों की टीम हर हॉस्टल में जाएगी और वार्डन व प्रबंधन से जुड़े अन्य सदस्यों को प्रशिक्षण देगी। विद्यार्थियों से बातचीत कर उन्हें अपने साथी विद्यार्थियों के व्यवहार परिवर्तन की जानकारी दी जाएगी। हर कमरे में सुविधाओं की जांच की जाएगी। सुधार के संबंध में हॉस्टल्स को सुझाव दिए जाएंगे। करीब 45 मिनट का ये सेशन होगा। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए टीम मैंबर्स के नम्बर दिए जाएंगे। कोई भी मामला सामने आता है तो पुलिस व प्रशासन के सहयोग के साथ टीम मौके पर पहुंचेगी और समाधान का प्रयास करेगी। जिला प्रशासन व पुलिस के सहयोग से ऑल स्टूडेंट्स वेलफेयर सोसायटी की ओर से यह मिशन लॉन्च किया गया। सारथी सेशन के दौरान उपस्थित हॉस्टल संचालक।

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