डिस्कॉम ने बिजली चोरी के आंकड़ों का अध्ययन करने के लिए डाटा एनालिसिस सेल बनाई

Update: 2022-10-04 08:55 GMT

जयपुर न्यूज़: बिजली चोरी और छीजत को रोकने के लिए राजस्थान डिस्कॉम के तमाम प्रयास अभी तक ज्यादा रंग नहीं ला पाए। अब बिजली कम्पनियां बिजली चोरों के आंकड़ों का विश्लेषण कर स्मार्ट मीटर को हथियार बनाकर चोरी पर रोक लगाएंगी। इस क्रम में जयपुर, जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम ने बिजली चोरी के आंकड़ों का अध्ययन करने के लिए डाटा एनालिसिस सेल बनाई हैं। अधिकांश बिजली कम्पनियों ने अभी तक बड़ी संख्या में स्मार्ट मीटर लगाए हैं, लेकिन इसके बाद भी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली चोरी के मामले थम नहीं रहे। विजिलेंस टीमें बिजली चोरी के मामलों पर कार्रवाई कर वीसीआर भी भरती हैं और जुर्माना भी वसूलती है। इसके बाद भी चोरी के मामले रुके नहीं तो अब रणनीति बदलने की कवायद शुरू हुई। अब बिजली चोरों का पता लगाकर सूची बनाते हुए उनके घर अनिवार्य रूप से स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, ताकि चोरी पर अंकुश लगाया जा सके।

ये काम करेगी डाटा एनालिसिस सेल: सेल बनाने का मकसद स्मार्ट मीटर से मिलने वालो आंकड़ों के जरिए बिजली सिस्टम में सुधार लाना है। शहरी क्षेत्रों में जहां स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं, उन क्षेत्रों में फीडर से ट्रांसफार्मर तक पहुंचने वाली बिजली के बीच का अंतर नई तकनीक के जरिए जुटाया जा सकता है। इससे क्षेत्रों में बिजली चोरी और छीजत के आंकड़े भी मिल जाएंगे। इन आंकड़ों के बाद डिस्कॉम क्षेत्रों के ट्रांसफार्मर पर भी एक मशीन लगाएगी, जिससे प्रतिदिन और साप्ताहिक आंकड़ों की तुलना कर रिपोर्ट तैयार होगी।

तीनों डिस्कॉम में बनी डाटा एनालिसिस सेल: जयपुर, जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम के शहरी क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर लगाने की कवायद पहले से चल रही है। बिजली चोरी मामलों की कार्रवाई से पता चला है कि कई लोगों के यहां अभी भी स्मार्ट मीटर नहीं लगे हैं, जिससे उनका चोरी करना आसान हो जाता है। डाटा एनालिसिल सेल अब बिजली चोरी के आंकड़ों का सर्किलवार विश्लेषण करेगी, ताकि स्मार्ट मीटर लगाए जा सकें। ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्मार्ट मीटर के जरिए बिजली चोरी पर लगाम कसने की तैयारी की जा रही है। 

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