उदयपुर न्यूज: फिलहाल भले ही 5जी नेटवर्क का जमाना आ गया हो, लेकिन राजस्थान की ज्यादातर जेलों में आज भी 2जी नेटवर्क के जैमर लगे हुए हैं। यही वजह है कि जेल में बंद कैदी आसानी से मोबाइल पर बात कर सकते हैं, लेकिन बार-बार जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल उठता है कि जेल के अंदर मोबाइल कैसे पहुंच रहे हैं? इसमें कोई मिलीभगत तो नहीं है न?
उदयपुर की सेंट्रल जेल में लगातार मोबाइल फोन मिलने की घटना के बाद उदयपुर जेल के डीआईजी कैलाश त्रिवेदी ने जेल अधीक्षक से इस संबंध में जवाब मांगा है. जिसमें पूछा गया है कि कहीं मोबाइल अंदर लाने में जेल के ही किसी कर्मचारी की मिलीभगत तो नहीं है. जेल डीआईजी ने कहा कि जेल के अंदर मोबाइल लाने की घटना में शामिल होने वाले किसी भी जेल कर्मी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
2जी नेटवर्क जैमर 8 साल से जेल में हैं
जानकारी के मुताबिक राजस्थान की ज्यादातर जेलों में पिछले 8 साल से 2जी नेटवर्क जैमर लगे हैं, जो काम नहीं कर रहे हैं. इसलिए मोबाइल अंदर लाए जा रहे हैं और कैदी आसानी से उन मोबाइलों से अपना आपराधिक नेटवर्क मजबूत करने में लगे हुए हैं. इधर, जेल प्रशासन व पुलिस मोबाइल जब्ती की कार्रवाई कर ही इतिश्री कर रही है। अभी तक जिम्मेदार सुरक्षा अधीक्षक व जेल प्रहरियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जबकि अंदर मोबाइल पहुंचाने की पूरी जिम्मेदारी जेल अधीक्षक और जेल प्रहरी की है।