धौलपुर-करौली टाइगर रिज़र्व को मिली मंजूरी,अभ्यरण बनने के लिए 4000 परिवार होंगे विस्थापित
राजस्थान: राजस्थान के करौली और धौलपुर जिलों में टाइगर रिजर्व (बाघ अभ्यारण्य) बनाया जाएगा। राष्ट्रीय बाघ सरंक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने इसके लिए मंजूरी दे दी है। करौली और धौलपुर में बनने वाला ये टाइगर रिजर्व ( बाघ अभ्यारण्य) देश का 54वां अभ्यारण्य होगा जो बाघों को समर्पित होगा। राजस्थान में खुलने वाला ये पांचवा टाइगर रिजर्व होगा। ये जानकारी पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन के केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने दी है।
बता दें कि वर्तमान में राजस्थान में रणथम्भौर, सरिस्का, मुकुंद्रा हिल्स और रामगढ़ विषधारी यानी कुल चार बाघ अभ्यारण्य है। इसके बाद यह पांचवा बाघ अभयारण्य है जो राजस्थान में शुरू होगा। वहीं राजस्थान के कुम्भलगढ़ को बाघ अभ्यारण्य घोषित करने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है। यादव ने एक अन्य ‘एक्स’ पोस्ट में कहा, ‘‘यह जानकारी साझा करते हुए खुशी हो रही है कुम्भलगढ़ को बाघ अभ्यारण्य घोषित करने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है। यह राजस्थान में बाघों के उज्जवल भविष्य और जैव विविधता की दिशा में वन्यजीव संरक्षण का अहम कदम है।’’ उन्होंने कहा कि इस कदम से इकोटूरिज्म के जरिये रोजगार के अवसर को बढ़ावा मिलेगा। एनसीटीए ने प्रस्ताव को चार अगस्त को मंजूरी दी और मंगलवार को सैद्धांतिक रूप केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने मंजूरी दी।
कुल 2800 वर्ग किलोमीटर में है अभ्यारण्य
प्रस्तावित कुम्भलगढ़ अभ्यारण्य करीब 2800 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। एनटीसीए सदस्य एवं राजसमंद से सांसद दिया कुमारी ने कहा, ‘‘आज मेवाड़ के लिए ऐतहासिक दिन है और परियोजना को हरी झंडी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का आभार व्यक्त करती हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने कई बाधाओं के बावजूद पूरी कोशिश इस परियोजना को जमीन पर लाने के लिए की। मैं खुश हूं कि केंद्र सरकार ने आज इसे सैद्धांतिक मंजूरी दे दी और हमे कुम्भलगढ़ के जल्द बाघ अभ्यारण्य बनने की उम्मीद कर सकते हैं।’’ सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में 2018 में कुल 2,967 बाघ थे जो 2022 में बढ़कर 3,682 हो गए हैं। इस प्रकार बाघों की संख्या में सालाना छह प्रतिशत की वृद्धि हुई है। राजस्थान में बाघों की संख्या 2006 के 22 से बढ़कर 2022 में 88 हो गई है।
गावों को किया जाएगा विस्थापित
धौलुपर करौली में बनने वाले इस अभ्यारण्य के लिए इलाके के कुल 50 गांवों को विस्थापित किया जाएगा। इस विस्थापन की सीमा में आने वाले लोगों को जल्द ही जमीन देने के लिए कम्पनसेशन राशि सरकार देगी। इस विस्थापन से पहले वन विभाग के अधिकारी सर्वे शुरू करेंगे। विस्थापन के दायरे में आने वाले गांवों की पहचान कर उनकी सूची बनाई जा रही है। इसके बाद उन्हें मुआवजा राशि दी जाएगी। इसके साथ ही सहमति पत्र भी उनसे लिया जाएगा। गांवों के विस्थापन के बाद ही यहां टाइगर रिजर्व (बाघ अभ्यारण्य) का काम शुरू हो सकेगा।