करौली। करौली गांव खिरखड़ी में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर चल रही श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन कथा वाचक पंडित सुरेश शास्त्री निवाई वाले के द्वारा कृष्ण जन्मोत्सव की कथा का मार्मिक प्रसंग सुनाया गया। कथा वाचक सुरेश शास्त्री ने कहा कि श्रीकृष्ण की व्यक्ति को अहंकार नहीं करना चाहिए, अहंकार बुद्धि और ज्ञान का हरण कर लेता है। अहंकार ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में कृष्ण जन्मोत्सव की कथा का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। कथा व्यास आचार्य सुरेश शास्त्री ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा।
सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। शास्त्री ने कहा कि जब-जब धरती पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं। जैसे ही कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ पूरा पंडाल जयकारों से गूंजने लगा।