चित्तौरगढ़। कपासन में तालाब में पानी लाने की मांग को लेकर धरना रविवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। वहीं, धरना स्थल पर भूख हड़ताल पर बैठे एक युवक की तबीयत बिगड़ गई. राजेश्वर सरोवर तालाब में बनास नदी से बने फीडर से पानी लाने और मातृकुंडिया बांध से नया फीडर बनाने को लेकर लोग आंदोलन कर रहे हैं. शहर के पांच बत्ती चौराहे पर महिलाएं और कुछ पुरुष नारेबाजी के साथ अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. राहुल राजपूत नाम का एक युवक भूख हड़ताल पर बैठ गया और दोपहर में उसकी तबीयत बिगड़ने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। महिलाओं ने कई बार नारेबाजी कर सड़क जाम करने का भी प्रयास किया। दो बजे से शाम पांच बजे तक चौराहे पर जाम भी लगाया गया। सुबह कांग्रेस की वाहन रैली पांच बत्ती चौराहे से गुजरने के बाद भी प्रदर्शनकारियों ने पानी-पानी की मांग को लेकर नारे लगाकर विरोध जताया।
तहसीलदार एम नासिर बेग मिर्जा, पुलिस क्षेत्राधिकारी गजेंद्र सिंह धरना स्थल पर भ्रमण कर जायजा लेते रहे। धरना स्थल पर जाप्ता भी तैनात किया गया है। बता दें कि शहर के राजेश्वर तालाब का जलग्रहण क्षेत्र महज 20 से 25 फीसदी ही है. इसी वजह से 50 साल पहले क्षेत्र के तालाबों को भरने के लिए राजसमंद जिले से बहने वाली बनास नदी से एक फीडर बनाया गया था. जो राजसमंद जिले के सिंदेसर गांव से निकलती है। पिछले दो-तीन दशकों से वहां के लोग फीडर को बाधित कर पानी के बहाव में बाधा उत्पन्न करते हैं. लोगों को पानी के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है. वहीं पिछले कुछ वर्षों में क्षेत्र में कम वर्षा होने के कारण कमांड क्षेत्र का पानी भी तालाब में नहीं आ पा रहा है और तालाब खाली पड़ा हुआ है. इस बार बनास नदी बराबर में बहने के बावजूद फीडर में पानी नहीं आने से लोगों में आक्रोश है। कस्बे की जलापूर्ति भी इसी टंकी पर आधारित है। पानी न मिलने से पेयजल संकट बना हुआ है। पिछले एक साल से शहर को वैकल्पिक जलापूर्ति मिल रही है।