जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने बुधवार को जयपुर जिले में बगरू के दहमींकला में डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय परिसर का शिलान्यास किया। इस मौके आयोजित समारोह में श्री गहलोत ने कहा कि 387 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाले इस विधि विश्वविद्यालय की नींव रखा जाना प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। वर्षों पहले देखा गया सपना आज साकार हो रहा है। उन्होंने कानून की नजर में सब समान एवं सबको न्याय पाने का समान अधिकार बताते हुए कहा कि समानता का यह बुनियादी अधिकार भारतीय संविधान ने हम सबको दिया है, जिससे लोकतंत्र की जड़े मजबूत हुई है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय (university) की स्थापना से राज्य सरकार का प्रदेश में सुदृढ़ न्यायिक व्यवस्था तथा सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करने का उद्देश्य पूरा हो सकेगा।
श्री गहलोत ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने देश के संविधान के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा हमारे महान नेताओं और महापुरूषों ने लोकतंत्र और संविधान के जरिए हमें कानून का राज विरासत में सौंपा। इससे दुनिया को एक सुदृढ़ लोकतंत्र का रास्ता दिखाया। उन्होंने कहा कि इंग्लैंड (England) जैसे देशों में भी महिलाओं को समान अधिकार मिलने में 100 वर्ष से अधिक समय लग गया, लेकिन डॉ. अम्बेड़कर की दूरगामी सोच तथा समानता के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण के कारण भारत में संविधान बनने के साथ ही महिलाओं को पुरूषों के समान अधिकार प्राप्त हो सकें। मुख्यमंत्री ने कहा " मुझे विश्वास है इस विश्वविद्यालय की जिस उद्देश्य से स्थापना की गई है उसके अनुरूप सभी विधि महाविद्यालयों में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा सकेगी। स्थाई परिसर बन जाने से शिक्षकों और विद्यार्थियों को बेहतर वातावरण मिल सकेगा।" उन्होंने कहा कि प्रदेश में सुदृढ़ कानून व्यवस्था स्थापित होने पर ही पीड़ित को सम्मान के साथ न्याय मिलेगा। इसी क्रम में प्रदेश के सभी थानों में स्वागत कक्ष स्थापित किए गए तथा एफआईआर अनिवार्य की गई है। अब फरियादी सम्मान के साथ थाने में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं की आज पूरे देश में चर्चा है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से आमजन को महंगे इलाज की चिंता से मुक्ति मिली है।
Source : Uni India