लघु उद्योग धंधे और फैक्ट्रियां संचालित करने की मांग, पलायन को मजबूर हुए मजदूर
राजपुर न्यूज़: आदिवासी अंचल क्षेत्र में रोजगार के लिए लघु उद्योग धंधे स्थापित नहीं होने के कारण क्षेत्र के लोगों को पर्याप्त रोजगार नहीं मिल रहा है। इसके चलते मजदूर वर्ग के लोग मध्यप्रदेश के गुना, शिवपुरी, कोटा, बारां रोजगार की तलाश में पलायन करने को मजबूर है। शाहाबाद, किशनगंज विधानसभा क्षेत्र में अधिकांश सहरिया जनजाति के लोग निवास करते हैं। यहां शिक्षा का स्तर भी निम्न वर्ग का है और क्षेत्र में रोजगार के कोई साधन नहीं है। रोजगार अभाव होने के कारण हर वर्ष क्षेत्र के लोग रोजगार की तलाश में पलायन करने को विवश हो जाते हैं। शहरों में लघु उद्योग धंधे और फैक्ट्रियां होने के कारण क्षेत्र के मजदूरों को उनमें अच्छा रोजगार मिल जाता है। इसके चलते क्षेत्र के लोग ज्यादातर पलायन पर रहते हैं। लोगों का कहना है कि मनरेगा रोजगार गारंटी योजना सरकार द्वारा संचालित कर रखी है, लेकिन नरेगा योजना क्षेत्र के मजदूरों के लिए रास नहीं आती है और लोग रोजगार की तलाश में आदिवासी अंचल क्षेत्र से पलायन पर चले जाते हैं। अगर क्षेत्र में लघु उद्योग धंधे और फैक्ट्रियों संचालित हो जाएं तो क्षेत्र के लोगों को पर्याप्त रोजगार मिलने लग जाएगा और पलायन करने को क्षेत्र के लोगों को विवश नहीं होना पड़ेगा।
आदिवासी महिला भूरीबाई ने बताया कि सरकार को रोजगार के पर्याप्त संसाधन स्थापित करना चाहिए ताकि क्षेत्र में बेरोजगारी नहीं रहे और लोगों को स्वरोजगार और रोजगार भी मिलता रहे। आदिवासी समुदाय के रामसिंह ने बताया कि आदिवासी अंचल क्षेत्र में अधिकांश जंगली क्षेत्र होने के कारण इनमें कई प्रकार की वनस्पतियां और जड़ी बूटियां पाई जाती है। अगर इनको लेकर सरकार कोई प्रोजेक्ट चालू करें तो क्षेत्र के लोगों को अच्छा रोजगार मिलने लग जाएगा। क्षेत्र के लोग सरकार से शाहाबाद आदिवासी अंचल क्षेत्र में लघु उद्योग धंधे स्थापित करने की मांग की है।
क्षेत्र के लोगों को नरेगा योजना में पर्याप्त रोजगार नहीं मिल पाता है और अगर रोजगार मिल जाता है तो समय पर भुगतान नहीं होता है। जिससे आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
- सूरजमल सहरिया, निवासी
रोजगार के अभाव में मजदूर वर्ग के बच्चों का शिक्षा से भी जुड़ाव नहीं हो पाता है, इसलिए क्षेत्र का शिक्षा का स्तर भी बिगड़ा हुआ है।
- रामजानकी बाई, ग्रामीण महिला
कई परिवारों का संयुक्त राशन होता है लेकिन परिवार अलग -अलग होने पर अलग से राशन और जॉब कार्ड बनवा लेते हैं तो एक्टिवेट नहीं हो पाते हैं, इसलिए नए सत्र में लोगों को नए जॉब कार्ड बनवाना चाहिए तो पूरा रोजगार मिलेगा और भुगतान की समस्या रहती है तो नरेगा मजदूर पांच का ग्रुप बनाकर काम ले तो उनका पूरा काम और पूरा दाम मिलेगा और पलायन की समस्या भी खत्म होगी। पलायन करने वाले मजदूर वर्ग के लोगों को नए सत्र में जॉब कार्ड बनाए जाएंगे और नरेगा में काम करने वाले मजदूरों को प्रशिक्षण देकर काम करवाया जाएगा ताकि उनको पूरा रोजगार का भुगतान हो और पलायन पर अंकुश लगे।
- छुट्टनलाल मीणा, विकास अधिकारी, शाहाबाद