फोन टैपिंग मामले में सीएम गहलोत के ओएसडी की गिरफ्तारी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने 13 जनवरी तक लगाई रोक

दिल्ली हाईकोर्ट ने राजस्थान फोन टैपिंग मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के OSD लोकेश शर्मा को बड़ी राहत दी है. जस्टिस सुब्रह्मण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा कि लोकेश शर्मा को कोर्ट के आदेश के बगैर गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है.

Update: 2021-11-12 15:44 GMT

जनता से रिश्ता। दिल्ली हाईकोर्ट ने राजस्थान फोन टैपिंग मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के OSD लोकेश शर्मा को बड़ी राहत दी है. जस्टिस सुब्रह्मण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा कि लोकेश शर्मा को कोर्ट के आदेश के बगैर गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. मामले की अगली सुनवाई 13 जनवरी 2022 को होगी.

दरअसल लोकेश शर्मा ने याचिका दायर कर मामले की जल्द सुनवाई की मांग की थी. याचिका में कहा गया था, कि उन्हें लगता है कि पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकती है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने आज लोकेश शर्मा को पेश होने के लिए नोटिस जारी किया था. नोटिस में कहा गया था. कि अगर वे पेश नहीं होते हैं तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है. लोकेश शर्मा ने अपनी तबीयत खराब होने का हवाला देते हुए कहा था कि वे जयपुर से बाहर नहीं जा सकते हैं.
इसीलिए नोटिस के मद्देनजर लोकेश शर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से हाईकोर्ट को आश्वासन दिया गया कि जब तक कोर्ट का आदेश है, तब तक वो गिरफ्तार नहीं करेगी. 8 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने लोकेश शर्मा के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने पर लगी रोक को 13 जनवरी 2022 तक बढ़ा दिया. इस मामले में दिल्ली पुलिस स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर चुकी है. बीते 3 जून को हाईकोर्ट ने लोकेश शर्मा को राहत देते हुए अगले आदेश तक कोई कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया था. उसके बाद से दिल्ली पुलिस ने लोकेश शर्मा को कई बार पूछताछ के लिए बुलाया लेकिन वो जांच में शामिल नहीं हुए.
लोकेश शर्मा ने अपने खिलाफ दर्ज FIR को निरस्त करने की मांग की है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के OSD लोकेश शर्मा के खिलाफ केंद्रीय जल-शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पिछले 26 मार्च को फोन टैपिंग का आरोप लगाते हुए दिल्ली में FIR दर्ज कराई थी. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ कांग्रेस नेताओं की बगावत के समय शेखावत का नाम सामने आया था.


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