चूरू। चूरू जिला एवं सत्र न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र कुमार ने आपसी दुश्मनी के कारण गला दबाकर हत्या कर शव को खेत में फेंक देने के मामले में दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामले में एक आरोपी की मां को कोर्ट ने बरी कर दिया है. आरोपी जिले के दूधवाखारा थाना क्षेत्र के सिरसला गांव निवासी ओमप्रकाश उर्फ कूलर पुत्र हनुमानाराम और रणवीर उर्फ राणसिंह पुत्र मामराज हैं। वर्ष 2018 में 12 अक्टूबर की शाम दोनों आरोपित आपसी दुश्मनी के कारण सिरसिला निवासी जयप्रकाश को उसके घर से बुलाकर ले गये थे. बाद में जयप्रकाश को जबरन शराब पिलाई और गला घोंटकर हत्या कर दी और जयप्रकाश का शव खेत की मेड़ की बाउंड्री में फेंक दिया। आरोपी अपने साथ जयप्रकाश के कपड़े भी ले गए थे। दो दिन बाद उसका शव खेत की मेड़ के पास नग्न अवस्था में पड़ा मिला। सूचना पर दूधवाखारा थाना पुलिस मौके पर पहुंची। इस पर जयप्रकाश के पिता राजपाल ने दोनों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करवाया।
इस मामले में पुलिस की जांच में पता चला कि जयप्रकाश की हत्या के बाद उसके शव को ले जाते समय आरोपी रणवीर उर्फ रणसिंह के कपड़ों पर खून लगा हुआ था. बेटे को अपराध से बचाने के लिए उसकी मां भतेरी देवी ने खून से सने कपड़ों को चूल्हे में जला दिया. पुलिस ने भतेरीदेवी को साक्ष्य मिटाने का दोषी मानते हुए धारा 41ए के तहत नोटिस देकर पाबंद किया था। लेकिन कोर्ट ने भतेरी देवी को बरी कर दिया है. पुलिस ने आरोपी रणवीर और ओमप्रकाश को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो पता चला कि जयप्रकाश की बेल्ट से गला घोंटकर हत्या की गई है। इस पर पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से दो बेल्ट और डंडे के टुकड़े बरामद किए।
जांच के बाद न्यायालय में चालान पेश किया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में 25 गवाहों के बयान और 30 दस्तावेजी साक्ष्य पेश किये गये. इस पर न्यायाधीश ने आरोपी रणवीर उर्फ रणसिंह व ओमप्रकाश उर्फ कूलर निवासी सिरसला को आजीवन कारावास व 50-50 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। कोर्ट ने पीड़ित मुआवजा योजना के तहत लाभ प्रदान करने के लिए फैसले की एक प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भेजने का भी आदेश दिया है। मामले में राज्य सरकार की ओर से लोक अभियोजक काशीराम शर्मा और परिवादी की ओर से अधिवक्ता बीरबल सिंह लांबा उपस्थित हुए.