बीकानेर। पुलिसवालों के एक दलित युवती के साथ पहले रेप और हत्या करने का मामला सामने आया है। आरोपी पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया गया है, लेकिन इनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर परिवार धरने पर बैठा है। दरअसल, खाजूवाला कस्बे में मंगलवार दोपहर एक युवती का शव मिला था। युवती के पिता ने इस संबंध में खाजूवाला थाने के कॉन्स्टेबल मनोज और भागीरथ के साथ एक और युवक पर रेप व हत्या का मामला दर्ज करवाया है। परिजनों ने कुछ और युवकों पर भी संदेह जताया है, जिनकी पुलिस तलाश कर रही है। घटना की जानकारी मिलते ही एसपी तेजस्वनी गौतम और दूसरे पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। एफएसएल टीम को भी मौके पर बुलाया गया है।
कोचिंग जाते वक्त हुई घटना
बताया जा रहा है कि युवती हर रोज सुबह कोचिंग जाती थी। मंगलवार को भी वो घर से कोचिंग के लिए निकली थी, लेकिन रास्ते में ही उसके साथ यह घटना हुई। अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं होने से परिवार में पुलिस के प्रति नाराजगी है। वहीं, भाजपा नेता भी परिवार के धरने में शामिल हो गए हैं। धरना स्थल पर भारी पुलिस जाब्ता तैनात किया गया है।
खाजूवाला थाने के बाहर भाजपा नेता धरने पर बैठ गए हैं। उनकी मांग है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।खाजूवाला थाने के बाहर भाजपा नेता धरने पर बैठ गए हैं। उनकी मांग है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
युवती के पिता ने बताया कि उसकी बेटी एक कम्प्यूटर सेंटर पर कोचिंग लेने जाती थी। मंगलवार को भी ये कोचिंग सेंटर ही गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी। पिता के पास फोन आया कि उनकी बेटी घायल अवस्था में खाजूवाला हॉस्पिटल में है, जहां पहु ंचने पर उसके मौत की जानकारी मिली। उनका आरोप है कि दो आरोपी कॉन्स्टेबल के साथ इनका एक और साथ दिनेश भी है जो कि युवती का डेली पीछा करता था।
परिजनों में गुस्सा है कि पुलिसकर्मियों को नौकरी से बर्खास्त करने के बजाय सिर्फ निलंबित कर दिया गया है। अब दोनों कॉन्सटेबल को नौकरी से बर्खास्त करने की मांग की जा रही है। उधर, पुलिस विभाग का कहना है कि किसी भी कार्मिक पर आरोप साबित होने पर उसे बर्खास्त किया जा सकता है। जांच के चलते निलंबन ही होता है।
धरना दे रहे लोगों ने थाने के अंदर घुसने की कोशिश की। फिर वापस धरनास्थल पर बैठेगे।
मुआवजा और नौकरी की मांग
परिजनों ने मांग रखी है कि पीडि़त महिला के परिजनों को एक करोड़ रुपए का मु आवजा दिया जाए। साथ ही परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जानी चाहि ए। इसके साथ ही खाजूवाला के पूरे थाने को लाइन हाजिर करने की मांग उठ रही है। इसके साथ ही पूरे मामले की जांच एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) से करवाने की मांग की गई है। वो घर जहां पर दलित महिला को लेकर गए। आरोप है कि यहीं पर पहले दुष्कर्म किया गया और बाद में मर्डर किया।
पुलिस ने आरोपी दिनेश बिश्नोई, मनोज व भागीरथ पर गैंगरेप और हत्या के साथ ही एससी-एसटी एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया है। मामले की छानबीन के बाद कुछ और धाराओं को जोड़ा जा सकता है। फिलहाल आईपीसी 376 डी और 302 के तहत मामला दर्ज है। उधर, परिजनों ने पूर्व एसएचओ अरविन्द सिंह शेखावत से भी नाराजगी जताई है। आरोप है कि शेखावत की विदाई पार्टी आरोपियों ने ही रखी थी। वहीं, पीडि़त महिला के पिता को भी प्रताडि़त किया गया था। अब परिजनों की मांग में पूर्व एसएचओ को निल ंबित करने की मांग की गई है। पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने बताया- लड़की घायल अवस्था में मिली थी। उसके प्राइवेट पार्ट्स पर चोट के निशान थे। अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। इस मामले में दो पुलिसकर्मियों के नाम भी सामने आए, जिन्हें एफआईआर दर्ज होने के साथ ही कॉन्स्टेबल मनोज कुमार और भागीरथ दोनों को सस्पेंड किया जा चुका है। इस घटना के बाद से आरोपी दिनेश बिश्नोई के दोनों पुलिसकर्मियों के साथ कई फोटो सामने आए हैं। इसमें एक में वो पूर्व एसएचओ अरविन्द सिंह शेखावत के ट्रांसफर की विदाई पार्टी में नजर आ रहा है।