हनुमानगढ़। राजस्थान की इस वक्त की बड़ी खबर हनुमानगढ़ जिले से सामने आ रही है। हनुमानगढ़ जिले के दो गांवों में कथित गोहत्या से जुड़े एक मामले में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया है। मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को भी निलंबित कर दिया गया है। प्रदर्शनकारी 11 जुलाई को चिड़िया गांधी गांव में हुई गोहत्या में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे और पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गई। जिलाधीश नथमल डिडेल ने जिले में धारा 144 लगाने की जानकारी दी है।
जिलाधीश नथमल डिडेल ने कहा कि गांधी बड़ी और चिड़िया गांधी ग्राम पंचायत में कर्फ्यू लगा दिया गया है। केवल आपातकालीन सेवाओं की अनुमति है। मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को भी निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस कथित गोहत्या के मामले में आरोपी को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। उन्होंने बताया कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर कुछ महिलाओं समेत स्थानीय लोगों ने 24 जुलाई को गांधी बड़ी गांव में अनुमति लिए बिना धरना शुरू कर दिया। उनके साथ बातचीत हुई और उन्हें आपराधिक दंड संहिता की धारा 144 पहले से ही लागू के कारण धरना वापस लेने के लिए कहा गया लेकिन वे अड़े रहे। पुलिस ने उनके तम्बू और अन्य सामान जब्त कर लिए और कुछ प्रदर्शनकारियों को धारा 144 के उल्लंघन के लिए गिरफ्तार कर लिया गया। बुधवार शाम को वे फिर से गांधी बड़ी में इकट्ठे हुए और पुलिस पर पथराव किया, जिसमें पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए. इसके बाद दोनों गांवों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
जिलाधीश नथमल डिडेल ने बताया है कि पुलिस ने 45 लोगों को पकड़ा है। उन्होंने कहा कि एक महिला ने पुलिस को बताया कि उसने 11 जुलाई को चिड़िया गांधी गांव में गोकशी होते देखी थी, जिसके बाद सरकारी दल ने नमूने एकत्र किए और परीक्षण के लिए भेजे। इसके बाद 18 जुलाई को आई रिपोर्ट में एक नमूने में गोमांस पाया गया था। जिलाधीश ने कहा कि एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी और छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन गांधी बड़ी में लोग और गिरफ्तारी करने, एक धार्मिक स्थल का निरीक्षण करने, सीसीटीवी लगाने आदि मांग कर रहे हैं। इससे वहां पर तनाव पूर्ण हालात ना बने इसलिए कर्फ्यू लगाया गया है।