झुंझुनू न्यूज़: यह एक ऐसी बेटी की कहानी है, जिसने पिता के अधूरे सपने को पूरा कर दिखाया है। सपना था-आर्मी में भर्ती होकर देश सेवा करने का। किसी कारण पिता को मौका नहीं मिला। पिता के सपने काे पूरा करने के लिए बेटी ने एनसीसी के जरिए आर्मी में सलेक्ट हुई अाैर अब वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर बनने का गौरव हासिल कर लिया। यह बेटी है पिलानी के कुल्हरियों का बास की कृतिका कुल्हरी। कृतिका के पिता रामावतार कुल्हरि गुरुग्राम में मारूति सुजूकी में डीजीएम आईटी व मां डॉ. विजयालक्ष्मी निजी स्कूल में टीचर हैं। पिता रामावतार कुल्हरि ने बताया कि मेरी इच्छा थी। मैं सेना में जाऊं। पर मौका नहीं मिला। ग्रेजुएशन के बाद से कृतिका ने मेरे सपने को अपना लिया और उसे पूरा कर दिखाया। उसने साबित कर दिया कि लड़कियां किसी भी मायने में लड़कों से कम नहीं हैं। कृतिका ने क्राइस्ट यूनिवर्सिटी बेंगलुरू से क्लिनिकल साइकोलॉजी से पीजी भी की। उसके बाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (एनआईएमएचएएनएस) में 6 महीने की सर्विस की। कृतिका का भाई सौम्य भी वायु सेना में जाने की तैयारी कर रहा है। सौम्य फिलहाल देहरादून में पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी से बीटेक कंप्यूटर की पढ़ाई कर रहा है। ताऊ नेवी से कमांडर के पद पर रिटायर ख्यालीराम कुल्हरि तथा चाचा नेवी से रिटायर सुमेर कुल्हरि ने बताया कि हमें गर्व है कि हमारी दूसरी पीढ़ी में बेटियां देश सेवा की परंपरा को आगे बढ़ा रही हैं। पहले ख्यालीराम की बेटी कंचन कुल्हरि थल सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल बनीं और अब कृतिका वायुसेना में फ्लाइंग आफिसर बनीं हैं।
फ्लाइंग आफिसर बनने के बाद पहली बार गांव आई कृतिका का लोगों ने जोरदार स्वागत किया। कृतिका को खुली जीप में जुलूस के साथ घर तक ले जाया गया। कृतिका ने बताया कि इस सफलता के बाद गांव आने पर काफी अच्छा लग रहा है। कृतिका की मां डॉ. विजय लक्ष्मी ने बताया कि बच्चे जब सफल होते हैं तो मां-बाप को बहुत अच्छा लगता है। बच्चे भी, जिस तरह का माहौल होता है उसमें खुद को ढालने की कोशिश करते हैं। कृतिका कहती हैं-उसके पिता ने सपना देखा था कि आर्मी ज्वाॅइन कर देश की सेवा करें। सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में पढ़ाई भी की, लेकिन देश सेवा का उनका सपना पूरा नहीं हाे सका। उनके मन में यह टीस थी, वे अक्सर चर्चा करते थे। क्योंकि उनके दोनों भाई भी आर्मी में हैं। बड़े भाई की बेटी भी आर्मी में है। ऐसे में कृतिका ने पिता के अधूरे सपने को पूरा करने की ठानी। जून 2020 में कृतिका ने एनसीसी के जरिए भारतीय थल सेना में एंट्री की। कृतिका ने इस भर्ती में देशभर में पहला स्थान प्राप्त किया था। वे ट्रेनिंग करने चेन्नई चली गई, लेकिन उनका मन वायुसेना में जाने का था। दो महीने बाद ही उनका चयन वायु सेना में हो गया। 2021 में ट्रेनिंग पूरी करने के बाद हैदराबाद स्थित भारतीय वायु सेना अकादमी डूंडीगल में संयुक्त स्नातक परेड (सीजीपी) में पास आउट हुईं। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने ग्राउंड ड्यूटी ब्रांच में प्रथम पुरस्कार रूप में प्रेसिडेंट्स फ्लैग अवार्ड से सम्मानित किया। कृतिका ने ट्रेनिंग में भी बेस्ट कैडेट का अवार्ड प्राप्त किया। उसके बाद पोस्टिंग मिल गई और अब पहली बार छुट्टी मिलने पर अपने गांव आई हैं।