राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियों का काउंट डाउन शुरू

राजस्थान में बहुप्रतीक्षित राजनीतिक नियुक्तियों का काउंट डाउन शुरू हो गया है। राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर सीएम अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के बीच हाल में कई दौर की मंत्रणा हो गई है।

Update: 2022-01-14 06:30 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजस्थान में बहुप्रतीक्षित राजनीतिक नियुक्तियों का काउंट डाउन शुरू हो गया है। राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर सीएम अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के बीच हाल में कई दौर की मंत्रणा हो गई है। सत्ता और संगठन ने राजनीतिक नियुक्तियों को अमलीजामा पहनाने की कवायद तेज कर दी है। कांग्रेस के अंदर खाने चर्चा है कि 30 जनवरी से पहले राजनीतिक नियुक्तियों की पहली सूची जारी होगी। पहली सूची में संवैधानिक पदों पर नियुक्ति दी जाएगी। जबकि दूसरी सूची में विभिन्न बोर्डों- निगमों में नियुक्तियां दी जाएगी। राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर आलाकमान ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी को फ्री हैंड दे रखा है। हालांकि, कुछ नियुक्तियों को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पार्टी आलाकमान को नाम भेजे थे। सचिन पायलट कैंप ने कुछ नामों को लेकर आपत्ति जताई थी। बताया जाता है कि पार्टी आलाकमान ने इन नामों को हरी झंडी दे दी है।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं में बढ़ रही है नाराजगी
कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता पिछले 3 साल से राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर इंतजार कर रहे हैं। गहलोत सरकार 3 साल का कार्यकाल पूरा कर चौथे साल में प्रवेश कर गई है। राजनीतिक नियुक्तियां नहीं मिलने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं में नाराजगी बढ़ती जा रही है। इसे भांपते हुए कांग्रेस के स्थापना दिवस के मौके पर सीएम गहलोत को कहना पड़ा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की अनदेखी नहीं की जाएगी। कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान का पूरा ध्यान रखा जाएगा। राज्य में विधानसभा चुनाव के 2 साल बचे हैं। विधानसभा चुनाव में पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी भारी न पड़ जाए। इसके लिए सत्ता और संगठन ने राजनीतिक नियुक्तियों को अमलीजामा पहनाने की कवायद तेज कर दी है।
गहलोत-पायलट कैंप में सुलह
कांग्रेस के अंदर खाने चर्चा है कि गहलोत और पायलट कैंप के बीच सुलह हो गई है। पायलट कैंप राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर सरकार के निर्णय पर ज्यादा हस्तक्षेप नहीं करेगा। पायलट कैंप की मांग है कि बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों को प्रमुख पदों पर नियुक्ति नहीं दी जाए। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अहम जिम्मेदारी दी जाए। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को निर्दलीय विधायकों को विभिन्न आयोगों में नियुक्तियां देने पर एतराज नहीं है। अधिकांश निर्दलीय विधायकों की पृष्ठभूमि कांग्रेस की रही है।
3 साल से इन आयोगों में नहीं हुई नियुक्तियां
राजस्थान में गहलोत सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही विभिन्न आयोगों में पद खाली चल रहे हैं। इन आयोगों में पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार ने नियुक्तियां दी थी। लेकिन राज्य में सत्ता परिर्वतन के बाद विभिन्न आयोगों के अध्यक्षों ने इस्तीफा दे दिया था। राज्य में महिला आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, निशक्तजन आयोगा, एससी-एसटी आयोग, ओबीसी आयोग, गौ सेवा आयोग और किसान आयोग में नियुक्तियां होनी है। इन आयोगों में नियुक्तियां नहीं होने से कामकाज प्रभावित हो रहा है। साथ में आमजन को भी परेशानी उठानी पड़ रही है।
इन बोर्ड-निगमों में होनी है राजनीतिक नियुक्तियां
राजस्थान के दो दर्जन से अधिक विभिन्न बोर्डों और निगमों में राजनीतिक नियुक्तियां होनी है। समाज कल्याण बोर्ड, मदरसा बोर्ड, हज कमेटी अल्पसंख्यक वित्त निगम, वक्फ बोर्ड, देवस्थान बोर्ड, हाउसिंग बोर्ड, बीज निगम, राजस्थान पर्यटन निगम विकास निगम, अभाव अभियोग निराकरण समिति, माटी कला बोर्ड, केशकला बोर्ड, घुमंतु बोर्ड, वक्फ विकास परिषद, मेवात विकास बोर्ड, डांग विकास बोर्ड, खादी बोर्ड, बीस सूत्रीय क्रियान्वयन समिति, नगर विकास न्यास, हिंदी ग्रंथ अकादमी, उर्दू अकादमी और सिंधी अकादमी।


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