संचालकों को नोटिस देकर भूला निगम, नहीं की ठोस कार्रवाई

Update: 2023-02-18 14:40 GMT

कोटा: शहर में एक ओर जहां बिना अनुमति के बहुमंजला हॉस्टल खड़े हो गए हैं। वहीं दूसरी तरफ उनमें आग से सुरक्षा के इंतजाम तक नहीं है। ऐसे में गत दिनों हॉस्टलों में हुई आग लगने की घटन व हॉस्टल से गिरकर छात्र की मौत मामले में निगम की ओर से नोटिस देकर इतिश्री कर ली गई। उसके बाद दोबारा से उन हॉस्टलों की जांच तक नहीं की गई। जवाहर नगर डिस्ट्रिक्ट सेंटर स्थित 10 मंजिला वात्सल्य रेजीडेंसी हॉस्टल की छठी मंजिल से एक छात्र की गिरकर मौत हो गई थी। यह छात्र एलन कोचिंग संस्थान में कोचिंग कर रहा था। हादसे के बाद जाच में एक तो उस हॉस्टल की बालकनी में लगी रैलिंग कमजोर होने की कमी पाई गई। साथ ही बिना परमीशन के इतना बड़ा हॉस्टल खड़ा हो गया। जिसमें आग से सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम नहीं पाए गए थे। इतना ही नहीं हॉस्टल संचालक द्वारा निगम में यूडी टैक्स तक जमा नहीं करवाकर लाखों रुपए राजस्व का भी नुकसान किया जा रहा है। नगर निगम के फायर अनुभाग की ओर से हादसे के बाद 7 फरवरी को हॉस्टल सचालक को नोटिस जारी किया गया था। जिसमें 7 दिन का समय देकर हॉस्टल में फायर सिस्टम लगाने को कहा था। उस नोटिस की मियाद पूरी हो चुकी है। लेकिन उसके बाद भी अभी तक निगम अधिकारियों ने दोबारा उस हॉस्टल की न तो जांच की है और न ही उसके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई की। इसी तरह से एक रूफ टॉप रेस्टोरेंट में आग लगने के बाद उसे भी 7 दिन का नोटिस 7 फरवरी को ही दिया गया था। जिसकी भी मियाद पूरी हो चुकी है। इतना ही नहीं एक गर्ल्स हॉस्टल में भी आग लगी थी। जिसके बाद निगम के फायर अनुभाग ने उसे भी नोटिस जारी किया था। निगम के फायर अनुभाग द्वारा ये तीन ही नहीं इस तरह के सैकड़ों नोटिस जारी किए जा चुके हैं। लेकिन उनमें से किसी के भी खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। जिससे किसी भी हॉस्टल संचालक पर कोई असर ही नहीं हो रहा है।

जवाहर नगर में मात्र दो मंजिला की स्वीकृति: जवाहर नगर डिस्ट्रिक्ट सेंटर जैसी जगह पर जहां नियमानुसार मात्र जी प्लस दो मंजिल तक ही निर्माण किया जा सकता है। वहां 8 से 10 मंजिला हॉस्टल बनकर तैयार हो गए हैं। वह भी एक दो नहीं बड़ी संख्या में। न्यास से प्राप्त जानकारी के अनुसार जवाहर नगर में जिस तरह के छोटे साइज के भूखंड हैं उन पर सिर्फ दो मंजिल से अधिक की निर्माण स्वीकृति ही नहीं है। इसी तरह से शहर में लैंडमार्क सिटी हो या अन्य जगह पर भूखंड की साइज और रोड की चौड़ाई के हिसाब से ही निर्माण किया जाता है। लेकिन उसके बाद भी जी प्लस तीन व चार मंजिल से अधिक की हॉस्टल निमाण की स्वीकृति कहीं भी जारी नहीं की गई है। जबकि शहर में कोई भी हॉस्टल 5 से 10 मंजिला से कम नहीं है।

जानकारी दी, जांच नहीं की: नगर निगम कोटा दक्षिण के सीएफओ राकेश व्यास ने बताया कि उन्होंने हाल ही में जिन हॉस्टल व रेस्टोरेंट संचालकों को आग से सुरक्षा के इंतजाम नहीं होने के नोटिस जारी किए थे। उन्होंने अपना जवाब तो पेश कर दिया है। साथ ही फार सिस्टम लगाने की जानकारी भी दी है। लेकिन दोबारा वहां जाकर जांच नहीं की गई है। जवाहर नगर स्थित हॉस्टल संचालक ने अपने यहां सिस्टम लगाना बताया है। रूफटाप रेस्टोरेंट संचालक ने उसके रेस्टोरेंट के आगे का अतिक्रमण हटाने और रूफटाप रेस्टोरेंट को बंद करने की जानकारी दी है। व्यास ने बताया कि शािनवार को इन सभी जगहों पर जाकर मौका देखा जाएगा। 

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