पाली। कुंभलगढ़ अभयारण्य से सटे चोरबावड़ी बस्ती में 9-10 फीट चौड़ा मगरमच्छ एक खेत में घुस गया, जिससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई। ग्रामीणों व किसानों की सूचना पर वन कर्मियों व रेस्क्यू टीम के सदस्य ने करीब तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उसे सकुशल रेस्क्यू कर ग्रामीणों की मदद से पुन: सद्दी रणकपुर बांध जल क्षेत्र में छोड़ दिया. ग्रामीण किसानों ने ली राहत की सांस कुम्भलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य के रेंजर किशन सिंह राणावत ने बताया कि हाल ही में मघई नदी के रणकपुर सद्दी बांध के ओवरफ्लो बंद होने के दौरान मगरमच्छ पानी के साथ बाहर आ गया. नदी बंद होने के कारण चोरबावड़ी निवासी रमेश पुत्र पुनाराम बटूर आधी रात को घूमते हुए चोरबावड़ी के खेत में 9-10 फुट लंबा विशालकाय मगरमच्छ आ गया। खुले में घूमते हुए मवेशी बांधने वाले बाड़े की ओर गए तो मगरमच्छ के डरे मवेशियों की चीख से सो रहे ग्रामीण की नींद खुल गई। जब मैंने बैटरी से लाइट जलाई तो मगरमच्छ के विशाल शरीर को हिलता देखकर डर गया।
खुले आंगन में सो रहे छोटे मवेशियों और परिवार के किसी भी सदस्य को नुकसान न पहुंचे इसलिए जब उन्होंने लाठी से उन्हें भगाने की कोशिश की तो मगरमच्छ ने भी झपटने की कोशिश की. कुछ देर बाद वह सुरक्षित स्थान देखकर बैठ गया, रात में वन विभाग कार्यालय व रेस्क्यू टीम को सूचना दी, जिस पर उन्होंने नजर रखने की समझाइश दी और सुबह रेस्क्यू करने का आश्वासन दिया। किसान परिवार की पूरी रात आंसुओं में कटी। आज रेंजर बाबूलाल विश्नोई, वनपाल ईश्वर सिंह चौहान, टाइगर रेस्क्यू टीम के आयोजक रफीक पठान, जगदीश गहलोत, मनीष सवांसा, नेतिराम रायका, बिल्ला चौधरी, सद्दाम पठान, मांगी लाल जाट, रमेश जाट, विनोद, दिनेश, अशोक देवड़ा ने करीब तीन दिन तक कड़ी मेहनत की. घंटों बाद सुरक्षित मगरमच्छ को रेस्क्यू किया। रस्सी से बांधकर मगरमच्छ को पकड़ा, 8-10 ग्रामीणों की मदद से उठाया, वाहन में डालकर रणकपुर सद्दी बांध अरण्य जलीय वन क्षेत्र में सुरक्षित छोड़ा, पानी की गहराई में गया मगरमच्छ जैसे ही इसे रेस्क्यू टीम से छोड़ा गया।