टोडाभीम के वार्ड 19 में फिर कांग्रेस की जीत, हरिओम चार वोट से फिर जीते

Update: 2023-05-11 12:31 GMT
करौली। करौली टोडाभीम क्षेत्र की पंचायत समिति वार्ड नम्बर 19 के उपचुनाव में एक बार फिर कांग्रेस के प्रत्याशी ने निर्दलीय प्रत्याशी को 4 मतों से हराते हुए कांग्रेस का परचम लहराकर बाजी मारी है। इसके कारण कांग्रेसियों में खुशी का नजारा नजर आया तो वहीं भाजपा प्रत्याशी के 100 वोटों पर सिमट जाने पर भाजपा खेमे में मायूसी नजर आई। पंचायत समिति के वार्ड 19 में पंचायत समिति सदस्य के लिए 7 मई को हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी हरिओम ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी निर्दलीय प्रत्याशी मांगीलाल को 4 मतों से परास्त कर दिया और उपचुनाव में भी कांग्रेस का परचम बरकरार रखा तो भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश हरिजन तीसरे स्थान पर रहे। मंगलवार को सुबह 9 बजे शुरू हुई मतगणना के बाद जैसे ही परिणाम घोषित हुआ तो कांग्रेस के हरिओम को 655 वोट मिले व भाजपा की ओमप्रकाश हरिजन को मात्र 100 वोट पर सिमट कर रह गए जबकि निर्दलीय प्रत्याशी मांगीलाल को 651 वोट मिले और 9 वोट नोटा में गए। इस प्रकार कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी हरिओम को निर्वाचन अधिकारी एसडीएम गौरव कुमार मित्तल द्वारा 4 मतों से विजयी घोषित किया गया और शपथ दिलाई गई। जीत की घोषणा होते ही समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई और समर्थकों ने जीत की खुशी में एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जश्न मनाया व पटाखे फोड़े। वहीं दूसरी ओर भाजपा पार्टी के पदाधिकारी अपने उम्मीदवार की करारी हार के कारण मायूस नजर आये।
पंचायत समिति सदस्य के लिए 5169 मत डलने थे लेकिन पंचायत समिति सदस्य के चुनाव में 62.21%(3216) मतदान हुआ था जबकि उपचुनाव में 27.37%(1415) मतदान हुआ। वही पिछले चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रामभरोसी जाटव को 848 वोट मिले वहीं निर्दलीय जितेश बसवाल 831 वोट मिले। जिसमे 17 वोटों से रामभरोसी जाटव विजयी रहे और 21 वोट नोटा को मिले थे। पिछले चुनाव में कुल 3216 वोट डाले गए। सपोटरा| ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग द्वारा चार माह पूर्व पंचायत समिति सपोटरा की प्रधान कमली देवी मीणा के निलंबन आदेश को राजस्थान उच्च न्यायालय ने बरकरार रखने की मुहर लगाते हुए पूर्व में सिंगल बैंच के निरस्ती आदेश पर स्थगन जारी किया है।
क्या है मामला पंचायत समिति के प्रधान पर 6 जनवरी, 2022 को कमली देवी मीणा निर्वाचित हुई थी, लेकिन ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने प्रधान कमली देवी को राज्य वित्त आयोग षष्टम एवं 15 वे वित्त आयोग के तहत प्राप्त राशि का योजना के दिशा निर्देश के अनुरूप उपयोग नही करने के साथ आधारभूत विकास कार्य अवरूद्ध करने का दोषी माना गया। जिस पर राज्य स्तरीय जांच कमेटी द्वारा प्रधान कमली देवी को संवैधानिक रूप से उत्तरदायी मानकर आरोपी पत्र जारी किया गया। दूसरी ओर राजस्थान पंचायतीराज अधिनियम 1994 की धारा 38 (4) के तहत 4 जनवरी को निलंबित कर पंचायत समिति के किसी कार्य एवं कार्यवाही में भाग नहीं लेने का आदेश जारी किया था। तत्पश्चात विभाग ने उपप्रधान कमलेशी मीणा को चार्ज सौंपकर कार्यभार संभला दिया। जिसको लेकर प्रधान कमली देवी आदि ने आरोप लगाने के साथ रिट पिटीशन दायर कर दी।
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