जालोर। बुधवार को श्री निमगोरिया खेतलाजी परिसर में श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के सातवें एवं समापन दिवस पर संप्रिया दीदी उज्जैन ने कहा कि ईश्वरीय ज्ञान से मानव अपने जीवन का कल्याण कर सकता है। ज्ञान के बिना मनुष्य अपने जीवन का सर्वोच्च स्थान प्राप्त नहीं कर सकता। इसके लिए जरूरी है कि वह धर्म का पालन करे, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि व्यक्ति का आचरण भी ऊंचा हो। इसके बिना ज्ञान की प्राप्ति संभव नहीं है। भगवान ने कैसे परीक्षित को उत्तम लोक की प्राप्ति करायी।
उन्होंने कहा कि श्री सुखदेव जी ने सात दिन में ही राजा परीक्षित को भागवत महापुराण सुनाया और उन्हें भागवत धाम का अधिकारी बना दिया। मरते हुए व्यक्ति को क्या करना चाहिए, इस प्रश्न के उत्तर में श्री सुखदेव जी ने राजा परीक्षित को सात दिनों तक भागवत सुनाई। जब तक्षक नाग राजा परीक्षित को डसने आया, उससे पहले ही राजा परीक्षित भगवान के धाम में बैठ गये और तक्षक के स्पर्श से केवल शरीर नष्ट हुआ, आत्मा को कोई कष्ट नहीं हुआ। इतना दिव्य ज्ञान श्री सूतजी महाराज ने ऋषियों को दिया था। उन्होंने कहा कि भागवत महापुराण को सदैव सुनना, बार-बार दोहराना चाहिए। यह भगवान की अनंत कथा है, जिसका कभी अंत नहीं होता। शीतलाई नाथ महाराज ने बताया कि पिछले तीन वर्षों से जब भी अधिक मास आता है, तब कथा महोत्सव का आयोजन किया जाता है। यह 11वां महोत्सव है. मंच संचालन मीठालाल जांगिड़ ने किया।