सीकर । जिला कलेक्टर कमर उल जमान चौधरी की अध्यक्षता में मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय कोचिंग संस्थान निगरानी समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिले में संचालित कोचिंग संस्थानों पर प्रभावी नियंत्रण तथा इसमें अध्यनरत विद्यार्थियों को मानसिक संबल एवं सुरक्षा प्रदान करने के लिए कोचिंग संस्थानों के लिए विस्तृत दिशा—निर्देश दिए गए।
जिला कलेक्टर चौधरी ने कहा कि जिला प्रशासन नवाचार करते हुए कंट्रोल रूम स्थापित कर हेल्पलाइन नंबर जारी करेगा जहां कोचिंग विद्यार्थी अपनी समस्याओं से जिला प्रशासन को अवगत करवा पाएंगे। उन्होंने बताया कि कंट्रोल रूम के सुचारू रूप से संचालन के लिए एक जिला स्तरीय समिति बनाई जाएगी, जिसमें प्रशासनिक अधिकारी सहित पुलिस प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग के प्रतिनिधि एवं मनोवैज्ञानिक काउंसलर्स को सम्मिलित किया जाएगा। यह समिति कंट्रोल रूम के माध्यम से कोचिंग विद्यार्थियों को आ रही पर्सनल और कोचिंग से संबंधित समस्याओं का समाधान करने के लिए कार्य करेगी। इस दौरान उन्होंने नगर परिषद सीकर एवं पुलिस प्रशासन को निर्देशित किया कि वह अगले 15 दिन में अभियान चलाकर शहर में कोचिंग विद्यार्थियों से संबंधित सभी हॉस्टल्स का पूरा बायोडाटा तैयार कर जिला कलेक्टर को इसके बारे में अवगत करावें साथ ही इन सभी हॉस्टल्स के मालिकों एवं वार्डन की गेटकीपर ट्रेनिंग सुनिश्चित कर विद्यार्थियों को आ रही समस्याओं का समाधान करें।
उन्होंने सभी कोचिंग संस्थान के प्रतिनिधियों से कहा कि वह अपने यहां किसी विशेष योग्यता को आधार बनाकर विद्यार्थियों के अलग-अलग बैच ना बनाएं तथा साथ ही स्टूडेंट का साप्ताहिक और मंथली रिजल्ट पब्लिश ना करें। उन्होंने कहा कि लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे विद्यार्थियों की काउंसलिंग कर उनके परिवारजनों एवं जिला प्रशासन को भी इस संबंध में अवगत कराएं। सभी कोचिंग संस्थान ईजी एग्जिट एवं फीस रिफंड पॉलिसी को पारदर्शी रखते हुए कार्य करें। जिला कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया कि उनकी टीम हॉस्टल्स में जाकर खाने की गुणवत्ता से संबंधित औचक निरिक्षण करें। उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में जिला प्रशासन अभियान चलाकर नवलगढ़ एवं पिपराली रोड पर किए गए अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए सख्त कार्यवाही करेगा।
बैठक में जिला कलेक्टर कमर चौधरी ने शहर की सभी कोचिंग संस्थानों, प्रतिनिधियों से कहा कि वे अपने प्रत्येक विद्यार्थी का पूरा डाटा रखेंगे, विशेषकर विद्यार्थी कहां पर रह रहा है और कितने टाइम से कोचिंग नहीं आ रहा है, साथ ही उसके रिजल्ट डाउन होने का क्या कारण है, तथा सभी कोचिंग संस्थान यह डाटा जिला प्रशासन के साथ साझा करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कोचिंग संस्थान अपने समस्त कार्मिकों और टीचर्स की गेटकीपर ट्रेनिंग करवाना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कोचिंग संस्थानों को उनके यहां कार्यरत मनोवैज्ञानिक काउंसलर्स की संख्या और उनके द्वारा की गई काउंसलिंग का रिकॉर्ड साझा करने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं का रिजल्ट आने के बाद कोई भी कोचिंग संस्थान विजय जुलूस नहीं निकालेगा, ऐसा करने पर संस्थान के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि लंबे समय से कोचिंग में अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों की विशेष काउंसलिंग करवाकर इस संबंध में उनके परिजनों को आवश्यक रूप से सूचित करें। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे संस्थानों में जाकर इस बात को क्रॉस चेक करें की उनके द्वारा मीटिंग में दी जा रही जानकारी और डाटा वास्तविक है।
बैठक में सीकर पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण यादव, अतिरिक्त जिला कलेक्टर रणजीत सिंह गोदारा, अतिरिक्त जिला कलेक्टर शहर हेमराज परिडवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गजेंद्र सिंह जोधा, आईपीएस शाहीन शाह, उपखण्ड अधिकारी सीकर जय कौशिक, एसीएम मुनेश कुमारी, सहायक निदेशक प्रशासनिक सुधार विभाग इंदिरा शर्मा, सीएमएचओ डॉ. निर्मल सिंह,जिला साक्षरता अधिकारी राकेश लाटा, डीटीओ ताराचंद बंजारा, सीपीओ अरविन्द सामौर, एपीआरओ राकेश कुमार ढाका,विभागाध्यक्ष मनोचिकित्सा डॉ.महेश कुमार, वरिष्ठ विशेषज्ञ मनो चिकित्सक डॉ. रामचन्द्र लाम्बा सहित निगरानी समिति के सभी सदस्य तथा शहर की कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहें।