कोचिंग छात्र ने सुसाइड नोट में लिखा- मेरी मौत का जिम्मेदार कोई नहीं, जांच शुरू
कोचिंग छात्रों ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली
कोटा। कोटा में मंगलवार को केवल बारह घंटे में दो कोचिंग छात्रों ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। सुबह की घटना के बाद मंगलवार देर रात को जौनपुर उत्तर प्रदेश के रहने वाले छात्र आदित्य(17) ने फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। बुधवार को दोनों ही छात्रों के घरवाले कोटा पहुंच गए, जिसके बाद शवों का पोस्टमार्टम करवाया गया। आदित्य के पास से पुलिस को सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें उसने अपनी मर्जी से यह कदम उठाने और किसी का हाथ नही होने की बात लिखी है। सीआई देवेश भारद्वाज ने बताया कि बुधवार देर रात करीब साढ़े आठ बजे छात्र के सुसाइड की जानकारी मिली थी।
आदित्य करीब डेढ महिने पहले ही कोटा आया था। यहां वह नीट की कोचिंग कर रहा था। विज्ञाननगर में एक मकान में वह पीजी में रह रहा था। उसका कमरा तीसरी मंजिल पर था। आदित्य रोज दूसरी मंजिल पर रहने वाले एक छात्र के साथ खाना खाने जाता था। मंगलवार रात को आठ बजे तक भी वह कमरे से बाहर नहीं आया। उसके दोस्त ने उसे कॉल किया लेकिन उसने कॉल पिक नहीं किया। इसके बाद उसका दोस्त तीसरी मंजिल पर उसके कमरे में पहुंचा तो वहां अंधेरा हो रहा था और कमरा अंदर से बंद था। उसने कूलर वाली खिड़की में थोडी सी जगह से अंदर देखा तो अंधेरा था, मोबाइल की टॉर्च जलाकर देखा तो अंदर आदित्य पंखे पर लटका नजर आया। जिसके बाद उस छात्र ने मकानमालिक को जानकारी दी। मकानमालिक ऊपर पहुंचा और उसने देखकर पुलिस को जानकारी दी। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़ अंदर पहुंची। आदित्य को पंखे से उतारकर अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने बताया कि छात्र के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है। उसमें उसने लिखा है कि- मैं अपनी मर्जी से अपना जीवन खत्म कर रहा हूं, मेरी मौत के पीछे किसी का हाथ नही है। इसलिए मेरे परिवार या किसी को परेशान नही किया जाए। पुलिस ने सुसाइड नोट जब्त कर लिया है। सीआई देवेश ने बताया कि सुसाइड नोट के आधार पर मामले में जांच की जा रही है। छात्र ने इन चार लाइन के अलावा कोई बात नहीं लिखी जिससे कि सुसाइड के ठोस कारण सामने आ पाते। कारण क्या रहे, इस बारे में जांच की जा रही है। छात्र आदित्य सेठ के पिता ने बताया कि बेटे कुछ बन जाएगा इसलिए कोटा भेजा था। उससे रोज बात होती थी कभी लगा नही कि वह ऐसा कदम उठाएगा। क्या कारण रहे, यह तो कोटा का प्रशासन जांच करें। मंगलवार सुबह भी उसकी बात मां से हुई थी तब भी वह नॉर्मल ही था। अगर वह तनाव में होता तो घरवालों को बताता तो सही, लेकिन उसने डेढ़ महिने में कभी कुछ नही कहा। उसका बडा भाई इंजीनियर है वह भी कोटा से ही पढ़ा था। इसलिए आदित्य भी कुछ बन जाए, कोटा भेजा था। जब भी बात होती और क्लास टेस्ट के बारे में पूछते तो कहता था कि अच्छा चल रहा है और अच्छा करेंगे।
मंगलवार को ही कोटा में रहकर नीट की तैयारी कर रहे कोचिंग छात्र मेहुल वैष्णव ने भी फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। छात्र मेहुल के परिजन बुधवार को कोटा पहुंच गए। जिसके बाद शव का पोस्टमार्टम करवाया गया। पिता सुनील ने बताया कि मेहुल 11वीं कक्षा के साथ ही नीट की तैयारी कर रहा था। उसके दसवीं में 85 प्रतिशत नंबर आए थे। पढ़ने में तेज था। खुद ने ही कहा था कि मैं नीट की तैयारी करूंगा इसलिए कोटा भेज दो। उसके कहने पर ही कोटा में एडमिशन करवाया था। दो महिने पहले ही यहां छोड़ा था। रोज रात को उससे बात होती थी। रात को खाना खाने के बाद वह नौ बजे करीब घर पर कॉल करता था। सोमवार रात को भी उसने कॉल किया था और घरवालों से बात की थी तब भी उसने कोई बात नही कही। अगर वह कह देता तो हम तो उसे यहां से ले जाते और उदयपुर पढ़ा लेते। दस दिन पहले ही वह एक सप्ताह घर पर रहकर आया था। जब भी नहीं लगा कि वह परेशान है। हां, कमजोर जरूर हो गया था। अब उसने यह कदम क्यों उठाया यह समझ नहीं आ रहा है।