जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि एक सशक्त, शिक्षित एवं स्वावलम्बी महिला देश की प्रगति में भागीदार बनती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्हें आर्थिक एवं सामाजिक सम्बल देने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं।गहलोत बुधवार को बिड़ला सभागार में सखी गुलाबी नगरी संस्था के ‘तारंगना 23’ समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्था की कमान अगर महिला के हाथ में हो, तो उसका भविष्य उज्ज्वल है। देश में पहली बार महिलाओं को सत्ता में भागीदारी देने का मार्ग पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी द्वारा प्रशस्त किया गया था। श्री राजीव गांधी ने पंचायती राज एवं नगर निगम में महिलाओं को आरक्षण देने का प्रावधान किया था, जिसके फलस्वरूप आज महिलाएं सरपंच, प्रधान, जिला प्रमुख तथा मेयर आदि पदों पर निर्वाचित हो रही हैं। मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के दृढ़ निश्चय और निर्णयों को भी महिलाओं के लिए प्रेरणादायी बताया।
हमारी योजनाओं के केन्द्र में महिलाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा महिलाओं को केन्द्र में रखकर कई महत्वपूर्ण जनकल्याणकारी योजनाएं बनाई गई हैं। राज्य सरकार ने 1.35 करोड़ चिरंजीवी परिवारों का मुखिया भी महिलाओं को बनाया है। आज सरकारी नौकरियों में महिलाओं को आरक्षण दिया जा रहा है। रोडवेज बसों से सफर करने पर महिलाओं को 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। उन्हें आर्थिक सम्बल प्रदान करने के लिए अर्बन महिला को-ऑपरेटिव बैंक की शुरूआत की जा रही है। वृद्ध, विधवा एवं एकल नारी को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है।
गहलोत ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए राज्य में डेढ़ करोड़ महिलाओं को तीन साल के इंटरनेट डाटा युक्त निःशुल्क स्मार्टफोन चरणबद्ध रूप से दिए जाएंगे। रक्षा बंधन पर पहले चरण में 40 लाख महिलाओं को निःशुल्क स्मार्टफोन दिए जाएंगे। राज्य सरकार द्वारा पिछले चार सालों में 303 नए महाविद्यालय खोले गए हैं,