Chittorgarh: नारकोटिक्स ने सांवलियाजी मंदिर में चढ़ावे की 58 किलो अफीम जब्त की
"केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की दो टीमों ने मंदिर प्रशासन की मौजूदगी में अफीम जब्त की"
चित्तौरगढ़: नारकोटिक्स विभाग ने राजस्थान के प्रसिद्ध कृष्णधाम श्री सांवलियाजी मंदिर में प्रसाद के रूप में चढ़ाई जा रही 58 किलो अफीम जब्त की। इस कार्रवाई के दौरान राजस्थान के प्रतापगढ़ और मध्य प्रदेश के नीमच से केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की दो टीमों ने मंदिर प्रशासन की मौजूदगी में अफीम जब्त की।
यह प्रक्रिया कैसे कार्यान्वित की गई?
श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल की मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रभा गौतम के अनुसार गुरुवार दोपहर नारकोटिक्स विभाग की दो टीमें मंदिर पहुंची और मंदिर प्रशासन के सहयोग से तहखाने में रखी अफीम का इलेक्ट्रॉनिक तराजू से वजन किया। करीब चार घंटे तक चले इस अभियान के दौरान मंदिर के गर्भगृह के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी, ताकि कोई वहां तक न पहुंच सके। इसके बाद बरामद 58 किलो अफीम को नारकोटिक्स विभाग ने कागजी औपचारिकताओं के साथ जब्त कर लिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार जब्त अफीम को नारकोटिक्स विभाग की नीमच स्थित अफीम क्षारोद फैक्ट्री को सौंपा जाएगा।
मंदिर में प्रसाद के रूप में अफीम क्यों लाई जाती है?
मेवाड़ और मालवा क्षेत्र के किसान अच्छी अफीम फसल के लिए भगवान श्री सांवलियाजी से प्रार्थना करते हैं। जब उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है तो वे मंदिर के खजाने में नकदी के साथ प्लास्टिक की थैलियों में थोड़ी मात्रा में अफीम भी चढ़ाते हैं। पहले चरणामृत में अफीम मिलाने की परंपरा थी, जिसे कुछ विशेष भक्त ही ग्रहण करते थे। हालांकि, पिछले कुछ समय से अफीम के दुरुपयोग की शिकायतें आने लगी थीं, जिसके चलते मंदिर प्रशासन ने इसे रोकने के लिए कदम उठाए। अब मंदिर में आने वाली अफीम को गर्भगृह के नीचे तहखाने में सुरक्षित रखा जाता था।
एक साल से चल रहा था पत्राचार, आखिरकार हुई कार्रवाई
मंदिर प्रशासन पिछले एक साल से नारकोटिक्स विभाग को पत्र लिखकर इस मामले में उचित कार्रवाई की मांग कर रहा था। लेकिन विभाग इसे धर्म और आस्था से जुड़ा मामला मानकर राजनीतिक दबाव के चलते कार्रवाई करने से बचता रहा।
हाल ही में एक आरटीआई कार्यकर्ता ने इस संबंध में नारकोटिक्स विभाग और सीबीआई की नारकोटिक्स विंग को पत्र लिखा था। इसके बाद करीब 15 दिन पहले नारकोटिक्स विभाग के अधिकारी मुख्य कार्यकारी अधिकारी के साथ सांवलियाजी मंदिर पहुंचे और मौका मुआयना किया। निरीक्षण के बाद टीम गुरुवार को मंदिर पहुंची और अफीम जब्त कर ली।
अब हर माह नियमित कार्रवाई की जाएगी: मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रभा गौतम ने बताया कि अब से हर माह मंदिर में प्रसाद के रूप में प्राप्त होने वाली अफीम को नारकोटिक्स या पुलिस विभाग को सौंपने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इससे किसी भी प्रकार के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा तथा प्रशासन द्वारा कानून का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सकेगा। इस कार्रवाई के बाद स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ लोग इसे मंदिर की परंपरा में हस्तक्षेप मानते हैं, जबकि अन्य इसे अफीम के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक आवश्यक कदम मानते हैं।