चूरू जिला कारागृह में संपन्न हुई शतरंज, लूडो, चर-भर, गट्टा प्रतियोगिताएं
चूरू। बंदियों की रचनात्मक गतिविधियों और विभिन्न नवाचारों के लिए चर्चित चूरू कारागृह में एक और बेहतर गतिविधि के रूप में जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग के निर्देशानुसार संपन्न हुई शतरंज, लूडो, चर-भर आदि प्रतियोगिताओं के विजेता बंदियों को बुधवार को हुए एक कार्यक्रम में पुरस्कार प्रदान किए गए।
इस मौके पर संबोधित करते हुए डाइट के प्रधानाचार्य गोविंद सिंह राठौड़ ने कहा कि बंदी अपने जीवन में सुधार के लिए सतत प्रयास करें और यह सोच लें कि अच्छे कार्य की शुरुआत कभी भी की जा सकती है। उन्होंने जेल में की जा रही सकारात्मक गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि इससे बंदियों में जागरुकता, रचनात्मकता बढेगी और वे एक बेहतर इंसान बनने की ओर अग्रसर होंगे। उन्होंने कहा कि व्यक्ति की परिस्थितियां कई बार ऎसी बन जाती है कि वह नहीं चाहते हुए भी कुछ गलत कर बैठता है, पर गलत की भी निरंतरता अधिक घातक है। यदि एक बार कोई गलती हो गई तो भी हमें उसके सुधार के लिए अग्रसर होना चाहिए।
सूचना एवं जनंसपर्क विभाग के सहायक निदेशक कुमार अजय ने कहा कि जीवन में विचार और संगति का बड़ा महत्त्व है। यदि हमें रचनात्मक विचार रखें और अच्छे लोगों की संगति में रहेंगे तो निश्चय ही हमारा जीवन बेहतर होगा और हम कोई भी गलत कार्य से बचे रहेंगे। उन्होंने बंदियों से कहा कि बड़े-बड़े महापुरुषों, स्वतंत्रता सेनानियों और नेताओं ने अपने जीवन का महत्त्वपूर्ण समय जेल में बिताया है लेकिन उन्होंने उस समय का अपने व्यक्तित्व और ज्ञान को बेहतर करने के लिए उपयोग किया। इसलिए बंदी रचनात्मक गतिविधियों में संलग्न रहें, अच्छी किताबों का अध्ययन करें और यह सोचें कि यहां से बाहर जाकर किस तरह रचनात्मक कार्य करें कि लोग इस अतीत को भूलकर उनका सम्मान करें। उन्होंने कहा कि जीवन कहीं भी ठहरता नहीं है, जीवन में बेहतर की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है।
जिला सतत शिक्षा एवं साक्षरता अधिकारी ओमप्रकाश फगेड़िया ने जेल में चल रही साक्षरता गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि यहां बंदियों के लिए साक्षरता गतिविधियां शुरू करने के बाद संपूर्ण राज्य की जेलों में यह कार्य शुरू कर दिया गया है। पुरस्कृत शिक्षक फोरम के सूर्य प्रकाश त्रिवेदी ने बताया कि यहां बंदियों के लिए शुरू किया गया पुस्तकालय बहुत अच्छा चल रहा है और इस शुरुआत से प्रेरित होकर पूरे राज्य की जेलों में पुस्तकालय स्थापित किए जा रहे हैं। कार्यक्रम का संयोजन करते हुए वरिष्ठ शिक्षाविद ओमप्रकाश तंवर ने जेल में होने वाली विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों की जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि कारागृह में इनडोर गेम्स, पुस्तक पठन, योगाभ्यास, मेडिटेशन आदि गतिविधियां अनवरत जारी रहेंगी।
कारागृह उप अधीक्षक कैलाश सिंह ने कहा कि रचनात्मक गतिविधियों की वजह से बंदी व्यस्त रहते हैं और उनके आचरण में सुधार देखने को मिल रहा है। इस दौरान पुरस्कृत शिक्षा फोरम के लिा प्रवक्ता लक्ष्मण राम नैण, नर्सिंग ऑफिसर बाबूलाल मीणा आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान पुरस्कृत शिक्षक फोरम के सचिव ओमप्रकाश तंवर एवं डॉ राधाकिशन सोनी की प्रेरणा से श्रीडूंगरगढ़ के मालचंद भंवर लाल भामा सेवा निधि के सौजन्य से पुरस्कार वितरित किए गए।