महाराणा भगवत सिंह मेवाड़ की 102वीं जयन्ती मनाई

Update: 2023-06-05 13:07 GMT

उदयपुर। मेवाड़ के 75 वें श्रीएकलिंग दीवान महाराणा भगवतसिंह मेवाड़ की 102 वीं जयंती सोमवार को मनाई गई।

महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन की ओर से सिटी पेलेस म्यूजियम स्थित राय आंगन में सादा समारोह आयोजित किया गया। महाराणा भगवतसिंह मेवाड़ का जन्म विक्रम संवात 1978 आषाढ़ कृष्ण एकम को हुआ था। इस अवसर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर पूजा-अर्चना एवं मंत्रोच्चारण के साथ दीप प्रज्जवलित किया गया तथा आने वाले पर्यटकों के लिए उनकी ऐतिहासिक जानकारी प्रदर्शित की गई।

फाउण्डेशन के प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्र सिंह आउवा ने बताया कि भगवत सिंह को महाराणा भूपालसिंह जी ने गोद लिया था। उनका विवाह बीकानेर के महाराजा गंगासिंह जी की सुपौत्री सुशीला कुमारी के साथ हुआ था। उनकी शिक्षा-दीक्षा मेयो कॉलेज, अजमेर से हुई। वे क्रिकेट के बहुत ही अच्छे खिलाड़ी थे। वर्ष 1955 में महाराणा भगवतसिंह मेवाड़ की गद्दीनशीनी सम्पन्न हुई। महाराणा भगवतसिंह ने अपने पूर्वजों की भांति जनकल्याणकारी मानव सेवा हेतु वर्ष 1969 में महाराणा चेरिटेबल फाउण्डेशन की स्थापना कर उदयपुर के सिटी पैलेस को संग्रहालय के रूप में परिवर्तित किया। उन्होंने शिक्षा, मेवाड़ की संस्कृति, विरासत और पारम्परिक मूल्यों के संरक्षण में कई धर्मार्थ ट्रस्टों की स्थापना की।

महाराणा भगवतसिंह मेवाड़ दूरदर्शी व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने मेवाड़ की धरोहरों के संरक्षण संवर्धन हेतु ट्रस्टों की स्थापना के साथ ही होटल व्यवसाय को रोजगार की उपलब्धता के रूप में आरम्भ किया। पर्यटन क्षेत्र में उदयपुर आज विश्व पटल पर पर्यटकों की पहली पसन्द हैं।

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