राजस्थान में भी होगी बिहार पैटर्न पर जातिगत जनगणना, CM गहलोत का ऐलान
जातिगत जनगणना, CM गहलोत का ऐलान
जयपुर असेंबली चुनाव नजदीक आते देख राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत तमाम बड़ी घोषणाएं कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने सूबे में 8 समाज कल्याण बोर्ड गठित करने का ऐलान किया था। उसके तुरंत बाद मुख्यमंत्री ने राजस्थान में भी बिहार पैटर्न पर जातिगत योजना जनगणना करवाने का ऐलान कर दिया। हालांकि गहलोत ने जातिगत जनगणना कराने का कोई तय समय नहीं बताया। लेकिन ये कहा कि वो भी ऐसी गणना कराने जा रहे हैं।
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में भी जातिगत जनगणना होगी और हम बिहार पैटर्न पर यह काम करवाएंगे। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के सर्वे पर रोक नहीं लगाई है। लिहाजा हमें नहीं लगता कि इस सारी कवायद में किसी तरह का अड़ंगा लग सकता है।
बिहार सरकार ने हाल ही में जातिगत सर्वे के आंकड़े जारी किए थे तो राजनीति सरगर्म हो गई। भाजपा को बिहार सरकार का ये कदम ठीक नहीं लगा। जिस दिन सर्वे के आंकड़े जारी हुए उसी दिन पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश में कहा कि वो पहले भी गरीबों की भावनाओं से खेलते थे, आज भी वही खेल खेल रहे हैं। वो तब भी जात-पात के नाम पर समाज को बांटते थे, आज भी वही पाप कर रहे हैं। बातों से साफ है कि पीएम को बिहार के सीएम नीतीश कुमार का दांव ठीक नहीं लगा। उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया अलबत्ता जातिगत सर्वे को लेकर विपक्षियों को जमकर खरीखोटी सुनाई।
बिहार के सर्वे के मुताबिक 36.01 फीसदी के साथ अत्यंत पिछड़ा वर्ग सबसे बड़ा वोट बैंक है। इसके बाद ओबीसी 27.12 फीसदी हैं। 14.26 फीसदी तादाद यादवों की है। आंकड़ों के मुताबिक राज्य में दलितों की संख्या 19.65 फीसदी है।
ये मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच चुका है। बीते दिन हुई सुनवाई के दौरान शीर्ष कोर्ट ने जातिगत सर्वे पर यथास्थिति का आदेश देने से मना कर दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा कि हम किसी राज्य सरकार को नीति बनाने या काम करने से नहीं रोक सकते। हां सुनवाई में उसकी समीक्षा जरूर कर सकते हैं। अदालत का कहना था कि ये बात सही है कि सरकारी योजनाओं के लिए आंकड़े जुटाना जरूरी है। हम आप सभी को सुनना चाहेंगे।