तहसीलदार और स्टांप वैंडर के खिलाफ वसीयत तैयार करने का निम्बहोड़ा सदर थाने में मामला दर्ज

Update: 2023-07-24 16:26 GMT
चित्तौरगढ़। चित्तौड़गढ़ के तहसीलदार शिव सिंह व अन्य के खिलाफ फर्जी वसीयत तैयार करने के आरोप में निम्बाहोड़ा सदर थाने में मामला दर्ज किया गया है. सतखंडा निवासी रतनलाल पुत्र रामाजी गायरी ने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 2 निम्बाहेड़ा की अदालत में मामला पेश किया। इसमें बताया कि चतुर्भुज पुत्र रामा, चुन्नीलाल पुत्र कालू, शंकरलाल पुत्र मगना, स्टाम्प वेंडर मनोज वैष्णव चित्तौड़गढ़, तत्कालीन तहसीलदार अधिकारी शिव सिंह व अधिवक्ता रमेशचंद्र शर्मा ने फर्जीवाड़ा कर वसीयत तैयार की।
रिपोर्ट में बताया गया कि 22 अगस्त 2019 को अधिवक्ता रमेशचंद्र शर्मा ने पिता की मौजूदगी के बिना फर्जी अंगूठे के निशान से नोटरीकरण कराया। इसके बाद 4 जनवरी 2023 को सब रजिस्ट्रार अधिकारी शिव सिंह ने पिता की मौजूदगी के बिना ही वसीयत दर्ज कर दी. रजिस्ट्रेशन के समय न तो फोटो लिया गया और न ही कंप्यूटर में अंगूठे का निशान लिया गया. जबकि रजिस्ट्रेशन के समय ये सभी कार्रवाई जरूरी है। अपराधी चतुर्भुज को लाभ पहुंचाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से बिना जांच किए फर्जी वसीयत बनाई। जिसमें दोनों पक्षों को सुनने के बाद सिविल न्यायालय निम्बाहेड़ा से स्थगन आदेश भी जारी कर दिया गया है। इस मामले में पैरवी अधिवक्ता लक्ष्मणसिंह बड़ौली ने की तथा जांच निम्बाहेड़ा सदर थाने के एएसआई लेखराज कर रहे हैं।
रतनलाल के पुत्र जमनालाल बीकानेर में भारतीय सेना में कार्यरत हैं। अपने पिता के साथ जमीन की धोखाधड़ी के मामले में दो माह पहले उसके पिता सपरिवार थाने में उपस्थित हुए, लेकिन सदर थाना पुलिस ने उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया. एफआईआर तक दर्ज नहीं की। रोजाना ऑनलाइन चेक करते थे लेकिन थाने से एफआईआर दर्ज नहीं की गई। जब मामला दर्ज नहीं हुआ तो वह सेना से छुट्टी लेकर स्टांप एवं रजिस्ट्रार कार्यालय, अजमेर पहुंचा और ऐसी फर्जी रजिस्ट्री की शिकायत की। जिस पर कार्यालय द्वारा स्थानीय न्यायालय में मामला दर्ज कराने की बात कही गई, तब कहीं जाकर सिविल न्यायालय निम्बाहेड़ा के आदेश के बाद उसके पिता का मामला सदर पुलिस थाना निम्बाहेड़ा में दर्ज किया गया।
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