शहर बाधित न हो ऐसे प्रबंधन का आह्वान, 18 जून को है डीलिस्टिंग हुंकार महारैली

Update: 2023-06-11 16:52 GMT

उदयपुर। जनजाति सुरक्षा मंच राजस्थान के बैनर के तले 18 जून को उदयपुर में होने वाली हुंकार महारैली के साथ यह भी ध्यान रखा जा रहा है कि शहर की सामान्य दिनचर्या प्रभावित न हो। अलग-अलग पांच स्थानों से निकलने वाली शोभायात्राओं से यातायात ज्यादा देर बाधित न हो, शहरवासी बिना किसी बाधा के जनजाति बंधु-बांधवों का स्वागत भी कर सकें और अपने सामान्य कार्य भी कर सकें।

इसी प्रबंधन पर मंथन के लिए जनजाति सुरक्षा मंच के कार्यकर्ताओं एवं सहयोगी संस्थाओं की प्रबंधन बैठक रविवार को गवरी चौराहा स्थित कार्यालय में रखी गई। बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक प्रमुख श्रीवर्धन एवं जनजाति सुरक्षा मंच के मार्गदर्शक सामाजिक कार्यकर्ता भगवान सहाय ने व्यवस्थाओं को लेकर मार्गदर्शन प्रदान किया। हुंकार डीलिस्टिंग महारैली में लगभग डेढ़ लाख लोगों के शामिल होने की संभावना को देखते हुए व्यवस्थाओं को भी उसी अनुरूप करने पर चर्चा की गई। रैली शहर के पांच निर्धारित बिंदुओं से प्रारंभ होकर गांधी ग्राउंड में एकत्र होगी, वहां सभा होगी। सभा को समाज के प्रबुद्ध जन एवं संत संबोधित करेंगे।

दोनों वक्ताओं ने आह्वान किया कि इस महारैली में ऐसा प्रबंधन हो जो अपने आप में एक उदाहरण बन जाए और शहर में होने वाले इस तरह के बड़े आयोजनों में भी इसका अनुसरण करने की दिशा में विचार हो। इस प्रबंधन को आने वाले समय मे अन्य परिवहन व्यवस्था, चौराहों की साज सज्जा, साफ सफाई ,भोजन एवं पानी की व्यवस्था, चिकित्सा व्यवस्था सहित रैली के दौरान यातायात व्यवस्था, पार्किंग आदि के लिए छोटी-छोटी टोलियों का निर्माण किया गया। उन सभी को आपस में भी सामंजस्यता बनाये रखने के लिए कहा गया।

बैठक में उभर कर आया कि व्यापारी एवं नागरिक मेजबान के रूप में रैली के मार्गों में स्वागत द्वार, शीतल पेय, बैनर आदि के लिए तत्पर हैं। उनसे आग्रह किया जा रहा है कि काउंटर, द्वार आदि की व्यवस्था ऐसी हो कि रैली मार्ग बाधित न हो। भगवान सहाय ने कार्यकर्ताओं को पूरी योजना पर गंभीरता से अमल करने की सलाह दी एवं यह आह्वान किया कि रैली को सफल बनाने के साथ-साथ हमें यह भी देखना है कि शहर के नागरिकों की सामान्य दिनचर्या की व्यवस्था में कोई भी प्रतिकूल प्रभाव ना पड़े। हुंकार डीलिस्टिंग महारैली में ज्यादा से ज्यादा संख्या में आकर अपने अधिकार की आवाज सशक्त करने के लिए गांव-गांव, ढाणी-ढाणी पत्रक वितरण का कार्य में कार्यकर्ता झुलसाती गर्मी में भी जुटे हुए हैं।

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