सड़कों पर जी रहे लोगों की पहचान कर आईडी कॉर्ड बनाएंगे, छत होगी रोजगार के लिए लोन भी मिलेगा

Update: 2023-01-04 11:34 GMT

जयपुर: जिन लोगों के पास घर नहीं, जेब में पैसा नहीं, रोजगार के लिए लोन नहीं और कोई अर्थ अर्जन को कोई स्किल भी नहीं, सड़कों पर जिदंगी का संघर्ष कर रहे ऐसे लोगों को राहत के लिए बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति-2022 के तहत काम शुरू हो गया है। सड़कों पर रहकर मेहनत-मजदूरी कर रहे ऐसे लोगों को दो माह में सरकार चिन्हित कर लेगी। इसके लिए सर्वे शुरू हो गया है। आईडी कार्ड बनाकर इन्हें दिए जाएंगे और फिर घर दिए जाएंगे। 50 वर्गफीट के सपरिवार रहने के लिए दिए जाने वाले ये घर टीन शेड के बने होंगे। रहने को कमरा, रसोई, शौचालय, स्नानघर मिलेंगे। नके लिए पहले संभाग, फिर जिला और पंचायत स्तर तक टीन शेड के घर तैयार किए जाएंगे। इन घरों में वे अनिश्तिकाल के लिए रह सकेंगे। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के मंत्री टीकाराम जूली ने मीडिया बताया कि बेघरों को ये घर शहर के बीच सरकारी जमीन पर बनाकर दिए जाएंगे।

यही नहीं इन्हें स्किल डवलपमेंट योजना में कई कार्यों की ट्रेनिंग देने, रोजगार के लिए सब्सिडी सहित लोन उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था की जाएगी ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। बच्चों को स्कूल में एडमिशन, पोर्टेबिलिटी की सुविधा भी दी जाएगी। सड़क पर रह रहे ऐसे लोगों के चिन्हिकरण का काम नियमित जारी रहेगा ताकि उन्हें भी राहत दी जा सके। जूली ने इस मौके पर नवजीवन योजना के ऑनलाइन पोर्टल तथा ऑनलाइन रैंकिंग डेश बोर्ड का भी उद्घाटन किया। 

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