नागौर न्यूज: डीडवाना के पास बड़ी खाटू निवासी धर्मगुरु व पीर सैयद जहूर अली अशरफी हफीजी का निधन हो गया। जिसे सुजानगढ़ में दफनाया गया। वे धर्मगुरु होने के साथ-साथ पीर भी थे, जिनके अनुयायी (फॉलोअर्स) प्रदेशभर में मौजूद हैं। उन्होंने जामिया हाशमिया नाम की संस्था बनाई। जहां से बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोगों ने शिक्षा प्राप्त की।
सद्भाव और शिक्षा के लिए समर्पित: इदारा कुरान के मुफ्ती खालिद अयूब मिस्बाही ने कहा कि पीर जहूर अली अशरफी राजस्थान में मानवीय सौहार्द और भाईचारे की जीती-जागती मिसाल थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन राजस्थान में शांति, भाईचारे और सद्भाव और शिक्षा के लिए समर्पित कर दिया।
सुन्नी तबलीगी जमात शिक्षण संस्थान के मौलाना मोहम्मद हनीफ खान ने बताया कि डीडवाना तहसील के शेरानी आबाद में पीर पिछले 25 सालों से लगातार दोनों ईद की नमाज अदा करता था और उसके पिता व अन्य सैयद जदगन का भी शीरानी आबाद से गहरा नाता था.
यहां फातिहा खानी का कार्यक्रम हुआ: शहर के विभिन्न मदरसों व मस्जिदों में गौसिया मोहल्ला, खिजरपुरा, हमीदपुर, बरनेल, भिनयाद, दांता, डूंगरी, अंबाली, बड़ी खाटू आदि में इसले सवाब के लिए फातिहा ख्वानी, कुरान ख्वानी, मिलाद सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए. जिसमें सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।