प्रतापगढ़। शहर की कृषि उपज मंडी में सोमवार को कई जिंसों की बंपर आवक हुई। इससे मंडी गेट पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। गेहूं, अलसी, चना समेत कई जिंसों से बाजार भरा पड़ा है। जिंसों की बंपर आवक के बाद कृषि मंडी परिसर में जिंसों का अंबार लग गया। कृषि उपज मंडी से बस स्टैंड और कृषि मंडी से अंबेडकर सर्किल तक वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। उल्लेखनीय है कि प्रतापगढ़ कृषि उपज मंडी में पिछले चार दिनों के अवकाश के बाद सोमवार को मंडी खुली थी. त्योहारों और राजकीय अवकाश को देखते हुए मंडी प्रशासन ने छह से नौ अप्रैल तक चार दिन मंडी अवकाश की घोषणा की थी। इससे पहले दो दिन बाजार संचालित होता था। जबकि 25 मार्च से 3 अप्रैल तक 10 दिनों के लिए मंडी बंद थी। जिला मुख्यालय की यह एक मात्र ए श्रेणी की कृषि उपज मंडी है।
इस मंडी में जिला मुख्यालय के साथ-साथ मध्य प्रदेश की सीमा से सटे ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी अपनी उपज बेचने के लिए लाते हैं। किसानों का कहना है कि इस बाजार में उनकी उपज का अच्छा दाम मिलता है। काश्तकारों को असुविधा न हो इसके लिए मंडी प्रशासन ने व्यापारियों को जल्द से जल्द काश्तकारों की उपज नीलाम करने का निर्देश दिया है. जगह बनाएं ताकि दूसरे किसान अपनी उपज ला सकें और बेच सकें। कृषि उपज मंडी में पिछले साल के हिसाब से इस बार सोमवार को कृषि उपज मंडी में 3800 बोरी गेहूं की आवक हुई। 1800 बोरी अलसी और 400 बोरी चने की आवक हुई है। बाजार में व्यापारी से मिली जानकारी के अनुसार पिछले साल से बार की कीमत भी बाजार में अच्छी है. इससे किसानों के चेहरों पर रौनक है। बाजार में इस बार चने का भाव पिछले साल के मुकाबले कम है। अन्य सभी पैदावार समान दिखीं।
चना का भाव पिछले साल 4500 से 4750 रुपये था जो अब 4100 से 4800 रुपये प्रति क्विंटल है। इस बार अलसी के भाव में भारी गिरावट आई है। अलसी इस साल 4400 से 4700 पर जा रही है, जबकि पिछले साल 6900 से 7350 पर अटकी थी। पिछले साल 2000 से 2300 तक गेहूं बोया गया था। इस साल कृषि उपज मंडी में गेहूं के भाव 1850 रुपये से लेकर 2750 रुपये तक रहे। कृषि उपज मंडी में सभी जिंसों के दामों में पिछले साल की तुलना में कोई खास अंतर नहीं है। चना पिछले साल 4500 से 4750 रुपये था, इस बार 4100 से 4800 रुपये है। मंडी प्रशासन ने बढ़ाई सुविधाएं, अब आवागमन भी नहीं हो रहा प्रभावित कृषि उपज मंडी सचिव मदन लाल गुर्जर ने बताया कि मंडी की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए मंडी के मुख्य गेट को पूरी तरह से खाली छोड़ दिया गया है. मंडी के अंदर व्यवस्थाओं में गड़बड़ी न हो और आसानी से उपज बिक सके, इसके लिए अंदर बेरिकेड्स लगाकर व्यवस्थित तरीके से वाहनों को प्रवेश दिया जा रहा है.